नृत्य और पूजा के मामले पर तार्किक रूप से सोचने की बजाय ईसाई दंपती माँग करने लगे कि, उनके मजहब से जुडी चीजें, जीसस से जुडे गाने भरतनाट्यम के रूप में सिखाए जाने चाहिए। इसकी जिम्मेदारी भरतनाट्यम शिक्षिका पर डाल बखेडा खडा कर दिया !
निहारिका गौडा नाम की एक ट्विटर यूजर ने अपनी माँ, जो कि, भरतनाट्यम शिक्षिका भी हैं, के साथ हुई एक घटना लिखी है, जिसे पढकर कोई भी हैरान रह जाएगा ! निहारिकाद्वारा शेयर की गई घटना से हमें पता चलता है कि, समाज में असहिष्णुता और पंथिक कट्टरता कितनी ज्यादा बढती जा रही है !
दरअसल, एक ईसाई दंपती ने अपने बच्चों को भरतनाट्यम में दाखिला दिलाने के बाद नटराजा की आरती करने से मना कर दिया ! उन्होंने अपने पंथ से जुडी हुई चीजें भरतनाट्यम में जोडकर सिखाए जाने की मॉंग भी की !
तो फिर . . .
ये ईसा मसीह जी ने तांडव नृत्य कब किया था ?? ?? pic.twitter.com/GLe7IlpzUW
— Manjeet Bagga (@Goldenthrust) August 23, 2019
पूजा का सामान खुद लेकर आए
निहारिका के अनुसार, जब कोई भरतनाट्यम क्लास ज्वाइन करता है, तो उसे नटराजा की पूजा करनी होती है, यही प्रचलन है ! जब २ नए बच्चों ने क्लास ज्वाइन की, तो इसके बारे में शिक्षिका (निहारिका की माँ) ने पहले ही उनके पैरेंट्स को बता दिया था। निहारिका के अनुसार, उन अभिवावकों ने इसके लिए एडवाँस धनराशि दी और पूजा का सामान भी बच्चों के लिए खरीद कर लाए !
(1/n)
My mum is a bharatanatyam teacher
When someone joins the class, they have to do a pooja to natarajaIts "dance tradition!"
Today, 2 new kids joined,
My mom told their parents the rules and they paid the advance and EVEN GOT POOJA MATERIALS— Niharika Gowda (@Nikkistyran) August 30, 2019
लेकिन, शिक्षिका ने जब पूजा के बाद उन बच्चों से आरती करने के लिए कहा तो महज दूसरी कक्षा में पढनेवाले उन बच्चों ने आरती करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया, क्योंकि, वे ईसाई हैं ! इस पर भरतनाट्यम शिक्षिका ने उनके अभिवावकों को समझाने की कोशिश की कि, अगर वे महज आरती से इतना बिदक रहे हैं, तो भरतनाट्यम सीखेंगे कैसे ? चूँकि, भरतनाट्यम में अधिकाँश नृत्य तो गणेश, सरस्वती, कृष्ण आदि के बारे में ही होते हैं !
2/n
She did pooja, and when she told them to do the aarti, they said "No, we are Christians, we don't want that!"
(These kids were roughly 2nd std)
So after class, my mom spoke to their parents and said this is the issue
"This is a bharatanatyam class, we worship nataraja-
— Niharika Gowda (@Nikkistyran) August 30, 2019
3/n
– even when we start learning Dance items, most of them are about Ganesha, Saraswati, Krishna etc
If u have a problem with aarti itself, how will u learn these dance items which are about these gods?"— Niharika Gowda (@Nikkistyran) August 30, 2019
“आपकी जिम्मेदारी है हमारे मजहब के बारे में भी सिखाओ”
निहारिका अपने ट्वीट में लिखतीं हैं, नृत्य और पूजा के मामले पर तार्किक रूप से सोचने की बजाय दोनों बच्चों के अभिवावक माँग करने लगे कि, उनके मजहब से जुडी चीजें, जीसस से जुडे गाने भरतनाट्यम के रूप में सिखाए जाने चाहिए ! यही नहीं, इसे उन्होंने निहारिका की माँ (भरतनाट्यम शिक्षिका) की ‘जिम्मेदारी’ बताया और बखेडा करने लगे !
4/N
The parents, instead of being sensible they said "ITS YOUR DUTY TO TEACH THEM SOMETHING RELATED TO OUR RELIGION ALSO!"
And started creating scenes
How can u be THAT stupid
How will u do bharatnatyam for Jesus songs?— Niharika Gowda (@Nikkistyran) August 30, 2019
निहारिका लिखतीं हैं कि, हालाँकि, इस ईसाई दंपती को भरतनाट्यम में जो-जो चीजें आतीं हैं- श्लोक, आरती, देवी-देवताओं के गाने आदि, उन सभी से समस्या है और इसके बावजूद भी वे अपने बच्चों को भरतनाट्यम सिखाना चाहते हैं !
ईसाई भी विरोध में
जिन्हें लग रहा है कि, वह ईसाई दंपती गलत नहीं कर रहे हैं, उन्हें देखना चाहिए कि, कैसे बहुत से ईसाई धर्म के लोग भी सोशल मीडिया पर इस दंपती की बुराई और निहारिका की माँ का समर्थन कर रहे हैं ! अनीता लोबो के अनुसार, जब उन्होंने संगीत सीखना शुरू किया तो वे रोज भगवती सरस्वती की आरती करतीं थीं और उनके परिवार ने कभी भी इस पर आपत्ति नहीं की ! उन्होंने बताया कि, उनकी बहन भी भरतनाट्यम और कथक की प्रशिक्षित नृत्यांगना हैं !
It’s absurd …when I started learning Sangeet the first thing everyday before starting we used to do Aarti to Goddess Sarawati and my parents never objected …PS my sister is a trained bharatnatyam and kathak dancer
— Anu Lobo ?? (@anu_lobo1) August 31, 2019
स्त्रोत : ऑप इंडिया