चैत्र कृष्ण ११, कलियुग वर्ष ५११४
हिंदूद्रोही कृत्य करनेका विक्रम करने निकली पुणे महापालिकाने क्या कभी अन्य धर्मियोंके श्रद्धास्थलोंपर कार्यवाही करनेका साहस किया है ?
हिंदुओं, बलाढ्य हिंदूनिष्ठ संगठन इस संदर्भमें कोई भी कृत्य नहीं करेंगे, इसलिए आप लोग संगठित होकर इस आघातके विषयमें आवाज उठाएं ।
इस घटनासे संतप्त श्रद्धालुओंने २ घंटे महापालिकाके वाहन रोके । ( हिंदुओ, केवल वाहन रोकनेसे महापालिकाकी नींद नहीं खुलेगी, महापालिकापर अधिकार चलानेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेसका हिंदूद्रोह नष्ट करने हेतु आगे आएं । क्या दादोजी कोंडदेवजीका पुतला उखाडनेके कृत्यसे लेकर हिंदुओंके मंदिर गिरानेतककी महापालिकाके हिंदूद्रोहकी शृंखलाका निरीक्षण करें तो, पुणे महापालिका प्रशासनको हिंदूद्रोहका कीर्तिमान स्थापित करना है, यदि ऐसा सोचें तो उसमें गलत क्या है ? ऐसी राष्ट्रवादी कांग्रेसको केवल पुणे महापालिकासे सत्तासे नहीं हटाना है, अपितु देशकी सत्तासे हटाना चाहिए ! – संपादक, ‘दैनिक सनातन प्रभात’ ) महापालिका बांधकाम पूरा करके दे अन्यथा महापालिकाके विरोधमें तीव्र आंदोलन छेडनेकी चेतावनी कांग्रेसके श्री. हरिदास चरवडजीने दी है । ( कांग्रेसको घरवालोंकी ओरसे भेंट ! – संपादक, ‘दैनिक सनातन प्रभात’ )
इस मंदिरके जीर्णोद्धारका कार्य लगभग पूर्ण हो गया है । कुछ ही दिनोंके बाद मंदिरमें शिवपिंडीकी प्राणप्रतिष्ठा की जानेवाली थी; किंतु उससे पहलेही प्रशासन द्वारा मंदिर उद्ध्वस्त कर दिया गया । इस अवसरपर पुलिसका भीषण पहरा लगाया गया था ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात