अद्ययावत
‘बिजनेस टुडे’ अंग्रेजी पाक्षिकद्वारा श्रीविष्णुकी विडंबना : धोनी के बचाव में आई पुलिस
२९ जुलाई २०१३
नई दिल्ली – दिल्ली पुलिस ने शनिवार को यहां की एक अदालत को बताया कि एक पत्रिका में क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी का भगवान के रूप में छपा फोटो और हाथ में जूता लिए हुए दिखाना कलाकृति है और खिलाडी का किसी धर्म का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था।
पुलिस ने अदालत के आदेश के मुताबिक स्थिति रिपोर्ट दायर की जिसमें धोनी, पत्रिका के प्रकाशक एवं संपादक के खिलाफ हिंदू धर्म और इसके देवी-देवताओं का अपमान करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग थी। नन्द नगरी थाने के अधिकारियों की ओर से दायर रिपोर्ट में कहा गया, उस पत्रिका में महेन्द्र सिंह धोनी की प्रकाशित तस्वीर उनकी तरफ से जानबूझकर की गई कार्रवाई नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि पत्रिका में छपी धोनी की तस्वीर एक कलाकृति है और उस पत्रिका के कलाकार, प्रकाशक ने एनिमेशन से इसे बनाया है। रिपोर्ट मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयूरी सिंह की अदालत में दायर की गई जिन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने पर मामले की सुनवाई की तारीख नौ सितम्बर तय की।
पुलिस ने कहा कि पत्रिका नोएडा के फिल्म सिटी से प्रकाशित होती है और मामला उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के अधिकार क्षेत्र में आता है। अदालत राजिन्दर सिंह राजा की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी जो शिवसेना हिन्दुस्तान के महासचिव हैं जिन्होंने आरोप लगाया कि पत्रिका के अप्रैल २०१३ के अंक में धोनी को भगवान विष्णु के रूप में दिखाया गया था और इसका टाइटल था गॉड ऑफ बिग डील्स और उनके हाथ में एक जूता सहित विभिन्न कम्पनियों के उत्पाद थे।
स्त्रोत : खास खबर
देवताओंकी निरंतर होनेवाली विडंबना सदाके लिए रोकने हेतु हिंदू जागृत होंगे वह सुदिन !
मुंबई – ‘बिजनेस टुडे’, इस अर्थविषयक अंग्रेजी पाक्षिकके वर्तमान प्रतिमें क्रिकेट खिलाडी महेंद्रसिंह धोनीपर विशेष लेख प्रसिद्ध किया गया है । लेखको ‘गॉड ऑफ बिग डील्स’ शीर्षक दिया गया है । तदनुसार प्रतिका मुखचित्र बनाया गया है । मुखचित्रमें धोनीको श्रीविष्णुके रूपमें दिखाया गया है । रूपके हर हाथमें, धोनी जिस आस्थापनके उत्पादोंका विज्ञापन कर रहा है, वे उत्पाद दिखाए गए हैं । उदा. शीतपेय, वस्त्र, जूते आदि । इस विडंबनाके कारण धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुंचनेसे हिंदुओंकी ओरसे ‘ बिजनेस इंडिया’ का निषेध किया जा रहा है । (यदि ऐसी विडंबना मुसलमानोंके श्रद्धास्थानोंकी हुई होती, तो अबतक देशभरमें दंगे हो गए होते तथा बडी तत्परतासे पुलिस अंकपर बंदी लगाती ! हिंदू ऐसा कुछ भी करते नहीं, इसलिए उनके देवताओंकी विडंबना होती रहती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
हिंदू जनजागृति समितिके संकेतस्थलसे विडंबनाके विरोधमें http://www.hindujagruti.org/news/15995.html मार्गिकासे ऑनलाईन हस्ताक्षर मुहीम शुरु कर दी गई है ।
हिंदू धर्माभिमानी आगे दिए क्रमांकोंपर निषेध कर रहे हैं ।आशीष बग्गा
|
|
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात