मुस्लिम सुन्नत जमियतद्वारा सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण किए जाने का प्रकरण !
हिन्दुत्वनिष्ठों के संघर्ष को मिली सफलता !
हुपरी (जिला कोल्हापुर) : शहर के सर्वे क्रमांक ८४४/अ/१ इस सरकारी भूमि पर मुस्लिम सुन्नत जमियतद्वारा किए गए अवैध निर्माण के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालयद्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों के निर्माण के संदर्भ में हम आगे की क़ानूनी कार्रवाई कर रहे हैं, साथ ही इस संदर्भ में न्यायालय में चल रहे अभियोग में हम नगर परिषद की ओर से अपना दृढ़ पक्ष रख रहे हैं ! अतः आप इस ज्ञापन को वापस लेकर नगर परिषद की प्रशासनिक कार्रवाई को सहयोग दें ! हुपरी नगर पालिका की मुख्याधिकारी ने हिन्दुत्वनिष्ठों से की गई चर्चा के पश्चात यह लिखित आश्वासन दिया ! इसके कारण धर्मप्रेमी श्री. नितीन काकडे और श्री. संजय पाटिल ने ५ सितंबर से आरंभ होनेवाले प्राणांतिक अनशन को निरस्त किए जाने की घोषणा की !
इस संदर्भ में अधिक जानकारी इस प्रकार से है –
१. मुस्लिम सुन्नत जमियतद्वारा किए गए अवैध निर्माण के विरोध में धर्मप्रेमी श्री. नितीन काकडे और श्री. संजय पाटिल पिछले २ वर्षों से कानूनी संघर्ष कर रहे हैं !
२. न्यायालयद्वारा इस संदर्भ में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन को रोका नहीं जा सकता, यह आदेश दिए जाने पर भी प्रशासन अतिक्रमण को हटाने हेतु किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा था !
३. अंततः धर्मप्रेमी श्री. नितीन काकडे और श्री. संजय पाटिल ने निर्णायक भूमिका अपनाते हुए प्रशासन की इस अन्यायकारी नीति के विरोध में ५ सितंबर से हुपरी नगर परिषद के सामने प्राणांतिक अनशन करने की चेतावनी दी थी ! इस आंदोलन के लिए हिन्दू जनजागृति समिति, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, विश्व हिन्दू परिषद, श्रीराम सेना, युवासेना, शिवसेना, हुपरी शहर भगवा रक्षक संगठन, साथ ही अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ और युवक मंडलों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन व्यक्त किया था।
४. आंदोलन की चेतावनी दिए जाने के पश्चात ४ सितंबर से प्रशासन आंदोलनकर्ताओं के साथ चर्चा कर रहा था। प्रशासन ने आंदोलनकर्ताओं पर विविध पद्धतियों से दबाव बनाने का भी प्रयास किया; किंतु आंदोलनकारी किसी भी दबाव में न आकर उचित कार्रवाई की मांग पर अडे रहे !
५. धर्मप्रेमी श्री. नितीन काकडे और श्री. संजय पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि, प्रशासन जबतक मुस्लिम सुन्नत जमीयतद्वारा किए गए अवैध आक्रमण के विरोध में कार्रवाई नहीं करता, तबतक लोकतांत्रिक पद्धति से हमारा आंदोलन चलता ही रहेगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात