इस अफ्रीकी देश में बसे श्रीगणेश के भक्त, ५० साल से लग रहे गणपति के जयकारे
गणेश चतुर्थी के बाद पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम मची हुई है। लोग बडे भक्ती भाव से गणेश की स्थापना कर रहे है। हिन्दुआें के साथ-साथ गैर हिन्दुआें में भी बप्पा के बहोत भक्त है। परंतु आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भगवान गणेश के जयकारे जिस तरह भारत में लगते है उसी तरह भारत से हजारों मील दूर अफ्रीकी देश घाना में भी गूंज रहे हैं। यहां गणपति की वैसी ही भक्ति, उतनी ही धूमधाम से पूजा और उतने ही उत्साह के साथ मूर्ति विसर्जन किया जाता है।
अफ्रीकी देश घाना में गणपति बप्पा की पूजा यहां अफ्रीकी हिन्दू करते हैं। यहां हर साल भगवान गणेश की पूजा धूमधाम से की जाती है और भारतीय हिन्दू की तरह ये भी गणेश मूर्ति का विसर्जन करते हैं।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां के लोगों का हिन्दुत्व से परिचय वर्ष १९७० में हुआ था। आज लगभग १२ हजार हिन्दू इस अफ्रीकी देश में रहते हैं।
आरती के दौरान भगवान की शरण में माथा टेकना, शंख बजाना, फल या मोदका भोग लगाना, आरती लेना या भजन कीर्तन करने जैसे सभी काम घाना में रहने वाले ये लोग करते हैं।
घाना में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों का कहना है कि वे तीन दिन तक भगवान गणेश की पूजा करते हैं और फिर उनकी मूर्ति को समुद्र में विसर्जित कर देते हैं। समुद्र हर जगह फैला हुआ है, गणेश मुर्ती का विसर्जन समुद्र में करने से गणेश का आशिर्वाद पूरे विश्व में फैलता है इसलिए बडे भक्ती भाव से गणेशजी का विसर्जन समुद्र में ही किया जाता है।
यहां न केवल भगवान गणेश बल्कि श्रीकृष्ण और शिवभक्तों की भी कमी नहीं है। यहां हिन्दू धर्म के और भी कई देवी-देवताओं की पूजा होती है।
यहां के लोगों का कहना है कि हर किसी का भगवान में विश्वास होना चाहिए। वो हमारी सभी मुश्किलों को दूर कर सकते हैं।
स्त्रोत : आज तक