आरोप है कि, पशुपतिनाथ मंदिर में हर शाम गंगा आरती करनेवाले बाग्मती आरती परिवार ने ३० अगस्त से राष्ट्रगान बजाना शुरू कर दिया, लेकिन तीन सितंबर से इसे बंद कर दिया ! पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट ने उनके खिलाफ़ कार्रवाई की चेतावनी दी है !
काठमांडू : नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के अधिकारी आरती से पहले राष्ट्रगान न बजाने पर ‘बाग्मती आरती परिवार’ के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं क्योंकि, सरकार ने आरती से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य कर दिया है !
द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर का प्रबंधन देखनेवाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट (पीएडीटी) ने बाग्मती आरती परिवार को आरती से पहले राष्ट्रगान न बजाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है !
बाग्मती आरती परिवार पिछले १२ साल से पशुपतिनाथ मंदिर में हर शाम गंगा आरती करता आ रहा है। यह आरती मंदिर के पास स्थित बाग्मती नदी के किनारे की जाती है।
नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री योगेश भट्टाराई ने बीते २६ अगस्त को निर्देश दिया था कि, आरती से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए ! भट्टाराई पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं !
आरोप है कि, बाग्मती आरती परिवार ने निर्देश के अनुसार ३० अगस्त से राष्ट्रगान बजाना शुरू कर दिया, लेकिन तीन सितंबर से इसे बंद कर दिया !
रिपोर्ट के अनुसार पीएडीटी के सदस्य सचिव प्रदीप ढाकल ने कहा, ‘यदि हमारे निर्देश का पालन नहीं किया जाता तो हम मंदिर में बाग्मती आरती परिवार के आरती करने पर प्रतिबंध लगा देंगे !’ पीएडीटी ने परिवार को अपने कार्यालय में तलब किया है।
ढाकल ने कहा, ‘हमने अभी उनकी (परिवार) बात नहीं सुनी है। यदि वे हमारे निर्देश की लगातार अनदेखी करेंगे तो हम उन्हें प्रतिबंधित कर देंगे और उनकी जगह खुद आरती करेंगे !’
वहीं, परिवार ने कहा कि, उसने आलोचना के चलते आरती से पहले राष्ट्रगान बजाना बंद कर दिया।
बाग्मती आरती परिवार के उपाध्यक्ष बासुदेव शास्त्री ने कहा, ‘जहां आरती की जाती है, उसके पास ही श्मशान घाट है। राष्ट्रगान बजाने से वहां आनेवाले शोक संतप्त लोगों को असुविधा होती है क्योंकि, राष्ट्रगान बजने पर हर किसी का खडा होना अनिवार्य है ! लोगों के एक तबके की ओर से इसकी (राष्ट्रगान बजाने) आलोचना हो रही है !’
हालांकि, पीएडीटी की अध्यक्षता करनेवाले मंत्री भट्टाराई ने यह स्पष्ट नहीं किया कि, आरती से पहले राष्ट्रगान क्यों बजाया जाना चाहिए ?
द हिमालयन टाइम्स से बातचीत में पीएडीटी के एक अधिकारी ने बताया कि, १२ अगस्त को मंदिर में आरती देखने के लिए जुटी भीड़ को देखने के बाद मंत्री ने यह आदेश दिया था !
उन्होंने बताया कि, ‘विज़िट नेपाल २०२०’ कार्यक्रम से पहले मंत्री ने इसे भुनाने का निर्णय लिया और निर्देश दिया था कि, गंगा आरती का यूट्यूब के जरिये सीधा प्रसारण किया जाए और आरती से पहले राष्ट्रगान बजाया जाए !
स्त्रोत : द वायर