Menu Close

(अंध)श्रद्धा निर्मूलन विधेयकके विरोधमें वारकरी एवं अन्य संगठनोंसे मुख्यमंत्री भेंट करें !

(अंध)श्रद्धा निर्मूलन विधेयकके विरोधमें वारकरी संप्रदाय एवं विभिन्न संगठनोंसे मुख्यमंत्री भेंट करें !- सुभाष देसाई

मुंबई, ५ अप्रैल (वार्ता.) – महाराष्ट्र सरकारद्वारा प्रस्तावित (अंध) श्रद्धा निर्मूलन अधिनियम हिंदू धर्मकी जडपर ही आघात करनेवाला है । इसके विरोधमें अनेक वारकरी एवं अन्य संगठन संघर्ष कर रहे हैं तथा उन्हें मुख्यमंत्रीसे अधिनियमके विषयमें सभी दृष्टियोंसे विचार-विमर्श करना है । इसके लिए शिवसेनाके विधानसभाके गुटनेता एवं ज्येष्ठ विधायक श्री. सुभाष देसाईने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाणसे पत्रद्वारा भेंटके लिए समय देनेकी  मांग की है ।


बैठकके लिए विधायक भी उपस्थित रहेंगे !

श्री. देसाईने मुख्यमंत्रीको भेजे हुए पत्रमें आगे कहा है कि प्रस्तावित (अंध) श्रद्धा निर्मूलन अधिनियमके विरोधमें महाराष्ट्र वारकरी प्रबोधन समिति, राष्ट्रीय वारकरी सेना एवं अन्य विविध संगठनोंने मुंबईके आजाद मैदानमे आंदोलन किया है तथा उस समय अनेक लोकप्रतिनिधियोंने मांगके लिए निवेदन भी दिया है । अतः मुख्यमंत्री अपनी भेंटका समय एवं दिनांक मुझे एवं संबंधित व्यक्तियोंको सूचित करें । इस बैठकके लिए वारकरियोंके साथ कुछ विधायक भी उपस्थित रहेंगे ।

१८ मार्चको पत्र भेजकर मुख्यमंत्रीकी ओरसे बैठकके लिए कोई आमंत्रण नहीं !

श्री. सुभाष देसाईने दिनांक १८ मार्च २०१३ एवं दिनांक ३ अप्रैल २०१३ को पत्र भेजकर मुख्यमंत्रीसे भेंटके लिए समय मांगा है; परंतु १८ मार्चके पत्रको दो सप्ताह व्यतीत होनेपर भी मुख्यमंत्री द्वारा बैठकके लिए समय अथवा पत्रका उत्तर नहीं भेजा गया । दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार नास्तिकतावादी संगठनोंके साथ बैठक आयोजित कर उनकी सूचनाओंपर विचार कर रही है, जबकि धार्मिक संगठनोंको साधारण बैठकके लिए भी आमंत्रित नहीं करती ।

बैठकमें सम्मिलित होनेकी इच्छा रखनेवाले संगठनोंके नाम !

दिनांक ३ अप्रैल २०१३ को भेजे गए पत्रके साथ सर्व संप्रदाय एवं संगठनोंद्वारा अपने स्वयंस्पष्ट निवेदनपत्र एवं दस्तावेज मुख्यमंत्रीको भेजे गए हैं । भेंटके लिए समय मांगनेवाले संगठनोंमें राष्ट्रीय वारकरी सेना, महाराष्ट्र वारकरी प्रबोधन महासमिति, महाराष्ट्र राज्य वारकरी महामंडल, महाराष्ट्र राज्य वारकरी प्रबोधन मंडल, कोकण पैदल दिंडी, आदित्य वाहिनी, पतंजली योग संप्रदाय, गुरुद्वारा समिति, वीरशैव लिंगायत समाज, हिंदू महासभा, जैन समाज ज्वेलर्स एसोसिएशन, केरल केंद्रीय क्षेत्रपरिपालन समिति, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, माधवाचार्य संप्रदाय, श्री संप्रदाय, महाराष्ट्र मंदिर एवं धार्मिक संस्था महासंघ, हिंदू जनजागृति समिति, रणरागिनी, हिंदू विधिज्ञ परिषद, सनातन संस्था, इस्कॉन, आर्ट ऑफ लिविंग एवं गायत्री परिवारका तथा अनेक संत-महंतोंका समावेश है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *