“पहले यह चर्च विरक्त मठ था। ईसाई पादरी वहाँ करीब ४० साल पहले गए और भगवा चोगा पहनने की जैसी परंपराओं को अपनाया। यहां तक कि, जो तंबू बनाया गया था, वह भी शिवलिंग के आकार में था !”
बेलगाम डायसिस (Belgaum diocese) के बिशप डेरेक फर्नांडीस की वो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें उन्होंने भगवा वस्त्र पहनकर सिंदूर का टीका लगा रखा है ! मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बनती जा रही हैं। दरअसल, डेरेक पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि, इस भगवाकरण के जरिए उनका उद्देश्य हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करवाना है !
इन तस्वीरों में डेरेक के साथ कुछ और भी लोग वैसे ही कपड़ों में नजर आ रहे हैं ! कुछ ने रुद्राक्ष की माला भी पहनी है। तस्वीरों से ऐसा संकेत मिला है कि, ये परम प्रसाद ग्रहण करने के संस्कार की हैं !
डेरेक को पोप फ्रांसिस ने बेलगावी के छठे बिशप के तौर पर १ मई को नियुक्त किया था। ये तस्वीरें सामने आने के बाद लोग डेरेक पर हिन्दुओं को गुमराह कर के उनका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा रहे हैं और इस वजह से डेरेक के इस रूप का विरोध किया जा रहा है ! कई ईसाइयों ने ट्विटर पर बिशप की ऐसी गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी और कुछ ने इसे ईशनिंदा भी करार दिया !
हालांकि, बेलगाम डायसिस के पदाधिकारी फिलिप कुट्टी ने बताया कि, ये तस्वीरें २९ अगस्त को बिशप के दूशनूर की एक चर्च के दौरे पर ली थीं। उन्होंने कहा, “पहले यह चर्च विरक्त मठ था। ईसाई पादरी वहाँ करीब ४० साल पहले गए और भगवा चोगा पहनने की जैसी परंपराओं को अपनाया। यहां तक कि, जो तंबू बनाया गया था, वह भी शिवलिंग के आकार में था !”
डायसिस के एक पादरी फादर नेल्सन पिंटो के अनुसार, जब सबसे पहले पादरी देशनूर गए तो उन्होंने स्थानीय संस्कृति को अपना लिया। उस इलाके में मुख्यत: लिंगायत समुदाय के लोग रहते थे। पिंटो ने बताया कि, पादरी शाकाहारी भी हो गए।
उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि, पादरियों ने लोगों का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश नहीं की है। आर्कबिशप फिलिप नेरी फराओ ने भी कहा कि, यह ऐसी ही परंपरा की तस्वीरें लग रही हैं, जिसमें स्थानीय संस्कृति को अपनाया जाता है।
एक ओर जहाँ चर्च विवाद पर सफाई दे रहा है, वहीं तस्वीरें पोस्ट करने वाले ऐक्टिविस्ट सैवियो रॉड्रिग्ज को धमकियाँ मिल रही हैं। बिशप की ये तस्वीरें ट्वीट करने के कारण रॉड्रिग्ज को एक ट्विटर यूजर Adv Don Vaz ने रॉड्रिग्ज की तस्वीर लगाकर उनका चेहरा काला कर जूतों की माला पहनाने वाले को ५०,००० रुपए देने का वादा तक कर दिया।
एक अन्य यूजर ने रॉड्रिग्ज के एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “हे सेविओ, आप जो कोई भी हैं, कृपया हमारे धर्म के खिलाफ कुछ मत लिखिए। तुम्हें हमारे धर्म के खिलाफ बात करने का कोई अधिकार नहीं है।”
Here is ToI article on our protest of #SaffronChurch. pic.twitter.com/EeNp4ZWAet
— Savio Rodrigues ?? (@PrinceArihan) September 13, 2019
स्त्रोत : ऑप इंडिया