पेशावर आर्मी स्कूल में हमले का मास्टरमाइंड तहरीक-ए-तालिबानी आतंकी सद्दाम ढेर

इस्लामाबाद –  पेशावर के आर्मी स्कूल में 16 दिसंबर को जो आतंकी हमला हुआ था, उसमें आतंकवादियों के मददगार रहे एक आतंकवादी कमांडर को सुरक्षा बलों ने खैबर एजेंसी में गुरुवार देर रात मार गिराया। इस आतंकवादी का नाम सद्दाम था और माना जा रहा है कि आर्मी स्कूल में बच्चों पर हुए आतंकी हमले के पीछे इसका ही मास्टरमाइंड था।

सद्दाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का आतंकवादी था और जमरुद इलाके में पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन में मारा गया। खबरों के मुताबिक, आतंकवादी कमांडर सद्दाम 2013 में पोलियो टीम पर हमले की साजिश के पीछे भी था, जिसमें 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।

खैबर एजेंसी के एक अधिकारी ने पेशावर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि सद्दाम गुरुवार रात जमरूद इलाके में मारा गया, और इस दौरान उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के तारिक जदार ग्रुप का मुख्य सामरिक कमांडर सद्दाम तालिबानी बंदूकधारियों को आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमले में मदद पहुंचा रहा था।

इस हमले में 132 बच्चों सहित 148 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी ने बताया कि सद्दाम पर कई कबायली बुजुर्गों की हत्या का भी आरोप था। अक्टूबर महीने में खैबर एजेंसी में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन खैबर वन’ अब एजेंसी के अन्य इलाके में चलाया जा रहा है और आतंकवादियों को मारा जा रहा है।

स्त्रोत : आज तक

२१ दिसंबर २०१४

पेशावर हमले से जुड़ा खुलासा- दो बच्चों के सिर भी काटे थे आतंकियों ने

पेशावर हमला: एक महिला समेत चार लोग गिरफ्तार

पेशावर के स्कूल पर हमला करने वाले आतंकियों की तस्वीर तालिबान ने जारी की थी।

पेशावर : पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में आतंकियों द्वारा हमला बोलकर १३२ बच्चों समेत १४५ लोगों की हत्या के मामले में  पुलिस ने एक महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारियां दक्षिणी पंजाब के हासिलपुर इलाके से की गईं हैं। डान न्यूज के मुताबिक हमले के दौरान जिस मोबाइल सिम का इस्तेमाल किया गया था उसकी जांच के बाद पुलिस इन लोगों तक पहुंची। यह सिम गिरफ्तार महिला के नाम पर पंजीकृत है। चारों आरोपियों को हासिलपुर पुलिस की हिरासत में रखा गया है और इनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।

पेशावर हमले से जुड़ा नया खुलासा- दो बच्चों के सिर भी काटे थे आतंकियों ने इस बीच एक नया खुलासा हुआ है। अब तक ऐसी जानकारी आ रही थी कि आतंकियों ने बच्‍चों को कतार में खड़ा करके गोलियां मारीं, क्‍लासरूम में सिर झुका कर बैठे बच्‍चों पर गोलियां बरसाईं और ऑडिटोरियम में ताबड़तोड़ फायरिंग कर लाशें बिछा दीं। लेकिन अब पता चला है कि आतंकियों ने कम से कम दो छात्रों के सिर भी काटे थे। लेडी रीडिंग अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने इस बात की पुष्टि की है कि छठी कक्षा में पढ़ने वाले १३ साल की उम्र के दो छात्रों के सिर अब तक नहीं मिले हैं। हॉस्पिटल के डॉक्टर अनवर अली ने कहा कि एक छात्र के शरीर पर गोलियों के निशान तो हैं, लेकिन उसका सिर नहीं मिला। अली ने साफ कहा कि इन दोनों छात्रों के गले किसी धारदार हथियार से काटे गए हैं।

केवल मां-बाप कर पाए शिनाख्त
जिन दो बच्चों के सिर काटे गए हैं, उनमें से एक की तो पहचान करना भी कठिन था। बड़ी मुश्किल के बाद बच्चों के मां-बाप शरीर पर मौजूद निशानों से उनकी शिनाख्त कर सके।

तो क्या आईएसआईएस कनेक्शन?
बच्चों के सिर काटे जाने की घटना से पाकिस्तान के कॉन्फ्लिक्ट कॉलेज ऑफ टेररिज्म के विशेषज्ञ अबदुल्लाह खान की उस बात पर मुहर लगती नजर आती है, जिसमें उन्होंने दो दिन पहले आशंका व्यक्त की थी कि तालिबान ने यह हमला आईएसआईएस के तौर-तरीकों को अपनाते हुए किया है।

स्रोत : दैनिक भास्कर


 पाकिस्तान : पेशावर में स्कूल पर तालिबानी आतंकियों ने की १२६ बच्चों की हत्या, मोदी ने जताया दुख

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेशावर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा, “जिन्होंने अपनों को खोया है, मैं उनके साथ हूं। मैं मृतकों के प्रति दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं।”

मोदी ने कहा, “यह बेहद क्रूर और असंवेदनशील कृत्य है, जिसमें सैकड़ों मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।”

राष्ट्रपति मनमून हुसैन ने आतंकी हमले की निंदा की।

एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अभी भी कई बच्चे आतंकियों के कब्जे में हैं।

  • १२६ बच्चों की मौत।
  • ८० से ज्यादा जख्मी, ४२ गंभीर।
  • पेशावर में तीन दिन के शोक की घोषणा।
  • ६ में से ३ आतंकी मारे गए, एक ने खुद को उड़ाया।
  • पेशावर जा रहे हैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ।
  • जियो न्यूज के संपादक ने हामिद मीर ने बताया, “मलाला को नोबेल के विरोध में किया हमला”

पेशावर(पाकिस्तान) : सिडनी के लिंट कैफे में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमला में १२६ बच्चों की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया है और तीन आतंकी मारे गए हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री परवेज खटक से मिली जानकारी के मुताबिक, इस हमले में १२६ बच्चों की मौत हुई है। हमले में बड़ी संख्या में बच्चे जख्मी हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। एक प्रत्‍यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकियों ने बच्‍चों को कतार में खड़ा कर गोलियों से भून दिया ।

हमले में घायल बच्चों को अस्पताल ले जाते हुए।

आर्मी स्कूल को घेर लिया है। जिस वक्त आतंकियों ने हमला किया, स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। घायलों को लेडी रीडिंग हॉस्पिटल भेजा गया है।

स्थानीय पुलिस के अनुसार, सुरक्षा बलों की ड्रेस पहने छह आतंकी स्कूल में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि आतंकी अरबी भाषा में बात कर रहे थे।

एक सुरक्षा जवान की मौत
खैबर पख्तूनवा के एक मंत्री ने डॉन न्यूज को बताया कि आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन में एक सुरक्षा जवान मारा गया है।

कॉरिडोर में बिखरे हैं शव
एक प्रत्यक्षदर्शी ने डॉन न्यूज को बताया कि जैसे ही फायरिंग शुरू हुई, टीचर्स ने स्टूडेंट्स को नीचे झुकने को कहा। उसने बताया, “कुछ देर बाद पहुंचे सुरक्षा अधिकारियों ने हमें बाहर निकाला। इस दौरान स्कूल के कॉरिडोर में हमारे साथियों के शव बिखरे थे।”

आतंकियों को दिया गया है बड़े बच्चों को मारने का आदेश
तहरीक-ए-तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद खोरासनी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि स्कूल में छह आतंकी हैं। मोहम्मद खोरासनी ने बताया, “उन्हें गोलीबारी और आत्मघाती धमाके करने के लिए भेजा है। हमने लड़ाकों को आदेश दिया है कि बड़े बच्चों को मार डालें, लेकिन छोटे बच्चों को न मारा जाए।”

नवाज शरीफ ने की निंदा
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के प्रमुख अल्फा हुसैन ने भी हमले की निंदा की है।

स्रोत : दैनिक भास्कर


भागते बच्‍चों पर भी की फायरिंग, पढ़ें पेशावर में आतंकी हमले की आंखों देखी

पेशावर : यहां आर्मी स्कूल पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले के कुछ प्रत्‍यक्षदर्शियों ने खौफनाक दास्‍तान सुनाई है। एक प्रत्‍यक्षदर्शी के मुताबिक आतंकियों ने बच्‍चों को कतार में खड़ा कर उन पर गोलियां बरसाईं। हमले में बच गए एक स्‍टूडेंट ने कहा कि आतंकी भाग रहे बच्‍चों पर भी फायरिंग करते रहे। वे तब तक गोलियां बरसाते रहे जब तक बच्‍चे मर नहीं गए।

घटनास्‍थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “जैसे ही फायरिंग शुरू हुई, वैसे ही टीचर्स ने छात्रों को झुक जाने का निर्देश दिया। बाद में सुरक्षाकर्मियों द्वारा हमें बाहर ले जाया गया। हमने कई छात्रों के शव गलियारों में बिखरे हुए देखे।”

हमले में मारे गए एक बच्चे का शव।

अरबी में बात कर रहे थे आतंकी
एक स्कूली बच्चे ने बताया कि आर्मी के डॉक्टर ९ और १० क्लास को फर्स्ट एड के बारे में बता रहे थे। हम सभी हॉल में थे। हॉल के पीछे कच्चे इलाके से आतंकी आए। उन्होंने पहले छत से फायरिंग की। टीचर्स ने तुरंत सारे दरवाजे बंद कर दिए, लेकिन आतंकियों ने दरवाजा तोड़ दिया और अंदर आ गए। हम सारे बच्चे नीचे बैठ गए थे। आतंकी हवा फायरिंग करते और बच्चों को मार रहे थे। उन्होंने सलवार कमीज पहनी हुई थी और उनकी बड़ी-बड़ी दाढ़ियां थी। वे लोग अरबी में बात कर रहे थे।

लगा कि चल रही है मिलिट्री ड्रिल
स्कूल के एक लैब अस्टिटेंट ने बताया कि आतंकी एक-एक क्लास में जाकर फायरिंग कर रहे थे। उनके पास बड़ी-बड़ी बंदूकें थीं। करीब एक घंटे बाद आर्मी ने उन्हें स्कूल से निकाला।

एक बच्चे ने बताया कि फायरिंग की आवाजें आने के बाद टीचर्स ने बताया कि मिलिट्री ड्रिल चल रही है। लेकिन बाद में पता चला सात-आठ दहशतगर्द (आतंकी) स्कूल में घुस आए हैं।

स्कूल बस ड्राइवर जमशेद खान ने बताया कि हम लोग बाहर खड़े हुए थे। अचानक फायरिंग शुरू हो गई। छात्रों और टीचर्स में चीख-पुकार मची हुई थी। हर जगह उथल-पुथल थी।

पाकिस्तानी पत्रकार हनीफ खालिब ने बताया कि स्कूल के बाहर बच्‍चों के माता-पिता चीख-पुकार कर रहे हैं।

हमला क्‍यों किया
हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली है। इस आतंकी संगठन के प्रवक्ता मोहम्मद खोरसानी ने कहा है कि सेना के ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब और ऑपरेशन खैबर-१ के कारण इस हमले को अंजाम दिया गया है। ये दोनों अभियान उस इलाके में चल रहे हैं, जो पांच साल से तालिबान का गढ़ बना हुआ है।

जर्ब-ए-अज्ब : छह महीने में १२०० आतंकी मारे गए
पाकिस्तानी सेना उत्तरी वजीरिस्तान में १५ जून से ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब चला रही है। पाकिस्तानी सरकार ने इसके लिए सेना को २६ अरब रुपए की मदद दी है। इस वजह से १० लाख लोग विस्थापित हुए हैं। यह पूरा कबाइली इलाका है। यहां कबीले तालिबान के खिलाफ सेना की मदद कर रहे हैं। इस अभियान से तालिबान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उसके १२०० से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। आतंकियों के कई पनाहगाहों और ठिकानों का पर्दाफाश हुआ है। सेना ने इस इलाके में ऐसा ही ऑपरेशन २००९ में भी चलाया था। लेकिन कुछ वक्त बाद तहरीक-ए-तालिबान वहां फिर मजबूत हो गया।

खैबर-१ : ४०० आतंकियों ने किया सरेंडर
उत्तरी वजीरिस्तान में सफलता मिलती देख पाकिस्तानी सेना ने १७ अक्टूबर खैबर-१ ऑपरेशन शुरू किया था। इसका मकसद था जर्ब-ए-अज्ब के दौरान बच निकले या दूसरे इलाकों में छिपे आतंकियों को ढूंढना। इनमें से ४०० आतंकियों ने हाल ही में सरेंडर कर दिया। कई आतंकियों को सेना ने मार गिराया। अभी खैबर-१ अभियान बारा तहसील में चल रहा है।

स्रोत : दैनिक भास्कर

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