जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और अनुच्छेद ३७० के कुछ प्रावधानों को हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार राज्य में वर्षों से बंद पडे मंदिरों के कपाट फिर से खोलने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि कश्मीर घाटी में पिछले कई वर्षों से लगभग ५० हजार मंदिरों के कपाट बंद पडे हैं। इन मंदिरों में से कुछ का ढांचा भी तोड दिया गया था और मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। केंद्र सरकार कश्मीर घाटी में ऐसे मंदिरों का जल्दी ही सर्वेक्षण करवाने जा रही है और जल्द ही इनको फिर से खोलने पर काम शुरु किया जायेगा।
गौरतलब है कि ९० के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरु होने के बाद वहां रहने वाले कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पडा था। कश्मीरी पंडितों को मारने के अलावा आतंकवादियों ने मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। बंद पड़े मंदिरों में कई मशहूर हैं।
कश्मीर के मंदिरों की स्थिती को लेकर झी न्यूज के राहुल सिन्हा ने २०१५ का एक विडियो ट्विट किया है। इस विडियो आप देख सकते है कि कश्मीर में मंदिरों के हालात कैसे है ? साथ ही राहुल सिन्हा ५० हजार मंदिर खोले जाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
2015 में ज़ी न्यूज़ ने नादीमर्ग में कश्मीरी पंडितो के टूटे मंदिरो को दिखाया था,उस वक्त जब मैने एक नीचे पड़ी शिवलिंग को उसके स्थान पर रखा तो एक आदमी ने कहा आप सही नही कर रहे है.लेकिन आज सरकार ने 4 साल बाद कश्मीर के हज़ारो मंदिरों को फिर से से स्थापित करने का बहुत सही फैसला लिया है pic.twitter.com/19Z8ssOHml
— राहुल सिन्हा (@RahulSinhaZee) September 23, 2019