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सनातन संस्कृति के प्रति बढ रहा विदेशियों का विश्वास, गया में रूसी महिलाओं ने किया पिंडदान

बिहार के गया में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेले में आने वालों में न केवल हिन्दू ही हैं, बल्कि भारत की सनातन परम्परा और संस्कृति के प्रति विदेशियों का विश्वास लगातार बढता जा रही है। इसकी बानगी बिहार के गया में इन दिनों देखने को मिल रही है, जहां पितृ पक्ष मेले में इन दिनों विदेशी श्रद्धालुओं की भीड जमा हो रही है। इस क्रम में रूस की छह महिला तीर्थयात्री गया पहुंचीं और यहां की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्होंने अपने पितरों का देवघाट पर पिंडदान किया।

यहां उल्लेखनीय है कि ‘गया जी’ में चल रहे पितृमुक्ति के महापर्व पितृपक्ष मेले के दौरान पूरे विश्व से हिन्दू धर्म के माननेवाले लोग आते हैं। यहां आकर वे अपने पितरों की मुक्ति की कामना से पिंडदान और तर्पण के कर्मकांडों को पूरा करते हैं। इसी क्रम में आज रूस की छह महिला पिंडदानी ‘गया जी’ पहुंची। इससे पहले इन सभी पिंडदानियों ने वाराणसी में पिंडदान के कर्मकांडों को पूरा किया, इसके बाद ये सभी महिला पिंडदानी ‘गया जी’ में पिंडदान व तर्पण के कर्मकांडों को पूरा किया।

इन महिला पिंडदानियों में रूस की एलेना कशिटसाइना, यूलिया वेरेमिनको, इरेस्को मगरिटा, औक्सना कलिमेनको, इलोनोरा खतिरोबा व इरिना खुचमिस्तोबा शामिल हैं। रूस से पहुंची महिला तीर्थ यात्रियों ने अन्त: सलिला फल्गु में तर्पण भी किया। इन सभी रूसी तीर्थयात्रियों का पिंडदान और तर्पण धर्म प्रचारक लोकनाथ गौड ने करवाया। पिंडदान करने वाली महिलाएं रूस के अलग-अलग क्षेत्रों की हैं। सभी महिला श्रद्धालु भारत की सभ्यता-संस्कृति और साडी से काफी प्रभावित दिखीं और यहां आने के अनुभव को यादगार बताया। सभी ने अपने पूर्वजों का पिंडदान भारतीय महिला परिधान यानी साडी पहनकर किया। इस दौरान सभी ने अपने माथे पर आंचल भी डाल रखा था।

यहां बता दें कि अभी ’गया जी’ में पितृपक्ष महासंगम को लेकर लाखों तीर्थयात्री अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने आये हुए हैं। इस पितृपक्ष मेले में बिहार के राज्यपाल समेत तेलंगाना और हिमाचल के राज्यपाल पिंडदान और तर्पण अपने पितरों के लिए कर चुके हैं। पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के भाई और भाभी समेत कई अन्य वीआईपी भी यहां पिंडदान और तर्पण कर चुके हैं।

स्त्रोत : लोकमत

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