वाराणसी – आगरा-अलीगढ़ में ‘घर वापसी’ को लेकर चल रहे हंगामे के बीच वाराणसी में ‘घर वापसी’ के विश्व हिंदू परिषद के ऐलान ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जनवरी में ‘उत्सव’ से पहले संत धर्मांतरण मुद्दे पर मुहर लगाएंगे।
हिंदू युवा जागरण मंच द्वारा आगरा में कराए गए धर्म परिवर्तन का मुद्दा तूल पकड़ने के साथ विहिप और उससे जुड़े संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। इस्लाम या ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले वे लोग जिनके पूर्वज हिंदू थे उनकी घर वापसी अभियान के पूर्वांचल में तेजी पकड़ने की जानकारी प्रशासन और खुफिया एजेंसियों नहीं है। हालांकि, विहिप की तैयारियों को देखकर यह साफ हो गया है कि यह कार्यक्रम रुकने वाला नहीं है।
विहिप के प्रांत संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि पूर्वांचल में इस अभियान की सफलता को देखते हुए बनारस में सबसे बड़ा घर वापसी उत्सव आयोजित किया जाएगा। इसमें पूर्वांचल के २० जिलों के १० हजार परिवार हिंदू धर्म में वापस लाए जाएंगे।
इसके लिए बनारस सहित अन्य जिलों में संपर्क बनाया जा रहा है। विहिप नेता का दावा है कि पिछले एक महीने में सिर्फ बनारस में ही ४० परिवार हिंदू बने हैं। आस-पास के जिलों के भी सवा सौ परिवार खुशी-खुशी वापस लौटे हैं। इस तरह करीब आठ सौ लोगों की घर वापसी हो चुकी है।
लोगों के नाम सार्वजनिक करने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि समय बीतने दीजिए, खुद लोग सामने आकर बताएंगे। उन्होंने कहा कि घर वापसी कार्यक्रम डंके की चोट पर चलेगा। चाहे जितने मुकदमे कायम कर दिए जाएं, बढ़ा कदम पीछे हटने वाला नहीं है।
१८ जनवरी होगी खास
घर वापसी से लेकर अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए जनवरी का महीना खास होगा। श्रीवास्तव का कहना है कि हिंदू सम्मेलनों की श्रृंखला के अंत में १८ जनवरी को बनारस सम्मेलन में घर वापसी के साथ राम मंदिर निर्माण की रणनीति तय होगी। विहिप का काम माहौल बनाने का है और संत उसे अमली जामा पहनाएंगे।
मोहन भागवत भी रहेंगे मौजूद
२० साल पहले बनारस में तीसरी धर्म संसद आयोजित की गई थी। उसी तर्ज पर बनारस सम्मेलन का आयोजन होगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में देश-दुनिया के १० हजार से अधिक प्रतिनिधियों के अलावा शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर और अखाड़ों के प्रमुख धर्मान्तरण को संज्ञेय अपराध घोषित करने, मंदिर निर्माण, कश्मीर में धारा ३७० खत्म करने तथा बांग्लादेशियों की घुसपैठ रोकने से संबंधित प्रस्ताव परित करेंगे।
स्त्रोत : नई दुनिया