दिल्ली – दिल्ली में एक दिन में दूसरी बार सार्वजनिक मंच से बोलने का मौक़ा मिला तो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी सरकार और अपनी सरकार के सुशासन का गुणगान किया । उन्होंने उदाहरण दे देकर मंच से बताने की कोशिश की कि गुजरात में वो एक ऐसा मॉडल विकसित कर रहे हैं जो जनता के प्रति जवाबदेही से काम करे । उन्होंने अपने भाषण में केंद्र राज्य संबंध और योजना आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए । इससे पहले सुबह उन्होंने फ़िक्की में महिलाओं के विषय पर बोलते हुए अपनी सरकार का इसी तरह का गुणगान किया था ।
नजरिया बदलने की अपील
एक योजना आयोग से लेकर श्रम समस्या तक सभी मामलों में नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य के संबंधों को ठीक करने की ज़रुरत है और इसके लिए दो कमीशनों की रिपोर्ट्स को लागू करना चाहिए। उन्होंने बार बार दोहराया कि मौजूदा केंद्र सरकार इसे ठीक नहीं करना चाहती। इसके लिए उन्होंने गुजरात में गैस पाइप लाइन बिछाने पर लगाई गई रोक का उदाहरण भी दिया। टीवी 18 के एक कार्यक्रम में भूमि अधिग्रहण के सवाल पर एक बार फिर उन्होंने अपनी पीठ थपथपाई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि गुजरात ही सही मॉडल हो सकता है। रिटेल सेक्टर में भाजपा की नीति का उन्होंने समर्थन किया और कहा कि देश को रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण से बचना चाहते हैं। मोदी ने बताया कि अगर हम चीन से अपनी तुलना करें तो हम इन दो मामलों में मजबूत हैं।
डेमोग्राफी
उन्होंने कहा कि भारत के 65 फीसदी लोग 35 से कम उम्र के हैं जबकि चीन में ऐसा नहीं है। हम एक युवा देश हैं और यही हमारी ताकत है।
डेमोक्रेसी
भारत में डेमोक्रेसी है जबकि चीन में साम्यवाद (कम्यूनिस्ट) है। यही हमारी ताकत है।
स्त्रोत : Amarujala.com