हिन्दुओं, कालानुसार सीमोल्लंघन करें !
‘विजयादशमी का दिन देवताओं द्वारा आसुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त करने का दिन है । दैवी शक्तियों और आसुरी शक्तियों के मध्य का संघर्ष अनादि है तथा वह भविष्य में भी चलता ही रहेगा। ७५ वर्षों पूर्व महान संत योगी अरविंद ने साधना कर हिटलर की आसुरी शक्ति निष्प्रभावी की थी तथा सूक्ष्मयुद्ध द्वारा भारत की स्वतंत्रता का मार्ग खोल दिया था । सांप्रतकाल में भी आसुरी शक्तियां भारत का विघटन करने हेतु आतुर दिखाई दे रही हैं । ‘अनुच्छेद ३७०’ निरस्त होने के कारण पाकिस्तान युद्ध की धमकियां दे रहा है । ‘तीन तलाक’ निरस्त करने तथा बांग्लादेशी घुसपैठियों को हटाने हेतु असम में ‘राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी)’ प्रक्रिया पूर्ण होने के कारण देशांतर्गत युद्ध की धमकियां मिल रही हैं । राज्यकर्ताआें द्वारा देशहित में निर्णय लेना, यह उनके स्तर पर सीमोल्लंघन है। देशहित के निर्णयों के समर्थन में खडे रहकर देशांतर्गत युद्ध की तैयारी करना जनता की दृष्टि से सीमोल्लंघन है ।
वर्तमान स्थिति में यदि धमकियां देनेवाले पाकिस्तान से युद्ध हुआ, तो वह केवल सीमा पर ही नहीं; अपितु वह प्रत्येक घर और मार्ग पर लडा जाएगा, ऐसी स्थिति है । सशस्त्र भारतीय सेना ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘एयर स्ट्राइक’ द्वारा सीमोल्लंघन करेगी; परंतु देशांतर्गत युद्ध का क्या ? इस संकट का सामना करने के लिए प्रत्येक को सीमापार युद्ध करनेवाली भारतीय सेना के समान पराक्रमी और पुरुषार्थी बनना होगा । गत सौ वर्षों से पराजित मानसिकता रखनेवाला हिन्दू समाज ऐसे संकटकाल में स्वयं अथवा स्वयं के परिवार की रक्षा करे, तो कालानुसार वही उसके लिए सीमोल्लंघन सिद्ध होगा ।
खरा सीमोल्लंघन है, ‘शत्रु की सीमा का उल्लंघन कर युद्ध करना’, अपराजितादेवी के पूजन का अर्थ है, ‘विजय के लिए देवी से शक्ति मांगना’ और रात में अपनी आयु से बडे व्यक्तियों को अश्मंतक पत्र (पत्ते) देने का अर्थ है, ‘अपनी विजय का पत्र देकर (विजयश्री प्राप्त कर) बडों से आशीर्वाद लेना ।’ हिन्दुओ, विजिगीषु (विजय की आकांक्षा) वृत्ति बढानेवाली यह विजयादशमी की तेजस्वी परंपरा है ।
पांडवों का अज्ञातवास भंग करने के लिए कौरवों ने विराट देश की सीमा का सशस्त्र सीमोल्लंघन किया था, तब बृहन्नला के वेश में वीर अर्जुन ने शमी वृक्ष की कोटर से शस्त्र निकालकर संपूर्ण कौरवसेना पर विजय प्राप्त की थी । हिन्दुओ, इतिहास का स्मरण करें तथा सतर्क रहे। शत्रु सीमोल्लंघन कर रहा है; इसलिए स्वयं की रक्षा करने की तैयारी करें !’
– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत बाळाजी आठवले, प्रेरणास्रोत, हिन्दू जनजागृति समिति.