नई दिल्ली – राज्य सभा में बुधवार को एक विधेयक पेश किया गया, जिसमें विमान अपहर्ताओं को मौत की सजा तथा अपह्वत विमान को मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों को अधिकार देने की बात कही गई है। कथित धर्मातरण को लेकर सदन में चल रहे हंगामे के बीच इस विधेयक को पेश किया गया।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने विधेयक के पुराने संस्करण को वापस लिया तथा अपहरण रोधी (संशोधन) विधेयक, २०१४ पेश किया। नया कानून ए टी हाईजैक कानून में संशोधन करेगा और इसमें नवीनतम वैश्विक संधियों जैसे यूएन बॉडी इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ) के बीजिंग प्रोटोकॉल, २०१० को सम्मिलत किया जाएगा, जिसे भारत ने अंगीकार कर उसपर हस्ताक्षर किया था।
यह प्रोटोकॉल १९९९ में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-८१४ का अपहरण तथा ११ सितंबर, २००१ में अमेरिका में आतंकवादी हमले के मद्देनजर लाया गया था।
यह विधेयक संबंधित एजेंसियों को अपह्वत विमान को स्थिर करने तथा भारतीय वायु सेना के सैनिकों को उसके मार्ग में अवरोध पैदा कर उसे हवाई अड्डे पर उतरने के लिए मजबूर करने का भी अधिकार देता है। अगर इस बात के सबूत हों कि अपह्वत विमान का इस्तेमाल एक मिसाइल की तरह हमले के लिए किया जा सकता है, तो उसे मार गिराया जा सकता है।
स्त्रोत : पत्रिका