कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। जहाँ एक आेर सूरत और नागपुर से आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है, हत्यारों की अंतिम लोकेशन पुलिस को बरेली और गाजियाबाद में मिल रही है। हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल दोनों शूटरों की पहचान अशफाक और मोईनुद्दीन के रूप में हुई है। एसटीएफ इस मामले की जाँच कर रही है और इसके लिए गुजरात एटीएस के साथ ही महाराष्ट्र पुलिस से भी तालमेल बिठा कर काम किया जा रहा है। इस पूरी साजिश में कुछ और लोग भी शामिल हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है।
वहीं अब पता चला है कि अशफाक ने कमलेश तिवारी से परिचय बनाने के लिए पहले उनसे दोस्ती की। आज तक में प्रकाशित समाचार के अनुसार अशफाक ने कमलेश तिवारी से दोस्ती बनाने के लिए एक फर्ज़ी फेसबुक अकाउंट बनाया था। महत्त्वपुर्ण बात यह है कि उसने ये फेसबुक अकाउंट अपने नाम से नहीं बल्कि एक रोहित सोलंकी के नाम से बनाया था। जब हमने उस संभावित फेसबुक प्रोफाइल को खंगाला तो पाया कि उसके प्रोफाइल पिक्चर में ‘हिन्दू राज’ और भगवा ध्वज लगा हुआ था।
फेक फेसबुक आईडी के जरिए उसने कमलेश तिवारी से बातचीत की, दोस्ती की और फिर मिलने का समय माँगा। फेसबुक पर बातचीत करते हुए अशफाक ने रोहित सोलंकी के छद्म नाम का प्रयोग करते हुए कमलेश तिवारी से बातचीत में कहा कि वो हिन्दू समाज पार्टी का सदस्य बनना चाहता है और इसके लिए उनसे मिलना चाहता है। कमलेश तिवारी के नौकर ने भी अपने बयान में बताया था कि आने से पहले हत्यारोपितों ने लगभग १० मिनट तक कमलेश तिवारी से बातचीत की थी। घर पहुँचने के बाद भी दोनों ने कमलेश तिवारी के साथ लगभग आधे घंटे तक बातचीत की।
यह भी पता चला है कि कमलेश तिवारी के शरीर पर चाकू से १५ बार वार किया गया था। मिठाई के डब्बे में हथियार रख कर ले जाया गया था। सीसीटीवी फुटेज में दोनों आरोपित भगवा वस्त्र में दिखे। पुलिस को पता चला कि दोनों लखनऊ के खालसा होटल में रुके थे, जिसके कमरे से भगवा वस्त्र और खून लगे कपड़े बरामद किए गए हैं। अब पुलिस को इन दोनों की तलाश है।
स्त्रोत : ऑपइंडिया