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नासिकमें (अंध) श्रद्धा निर्मूलन अधिनियमके विरोधमें तीव्र प्रदर्शन !

चैत्र अमावस्या , कलियुग वर्ष ५११४

१८० हिदू धर्माभिमानियोंकी उपस्थिति !


प्रस्तावित (अंध) श्रद्धा निर्मूलन अधिनियमके विरोधमें आंदोलन करते हुए धर्माभिमानी हिंदू !

नासिक – हिंदू धमर्पर आघात करनेवाला प्रस्तावित (अंध) श्रद्धा निर्मूलन अधिनियम निरस्त करें, इस मांग हेतु हिंदू जनजागृति समिति, अन्य हिंदुनिष्ठ संगठन एवं संप्रदायकी ओरसे यहांके जनपदाधिकारी कार्यालयके सामने तीव्र प्रदर्शन किया गया । इस अवसरपर उपस्थित आंदोलनकारियोंने मिलकर प्रशासनद्वारा यह अधिनियम निरस्त करने हेतु मांग करनेवाला निवेदन जनपदाधिकारीको दिया ।

आंदोलनके अवसरपर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभाके महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष श्री. अनिकेत देशपांडे, शहराध्यक्ष श्री. निखिल कुलकर्णी, योगवेदांत सेवा समितिके श्री. विश्वनाथ झा, हिंदू जनजागृति समितिके श्री. धनंजय काळुंगे, सनातन भारतीय संस्कृति संस्थाके श्री.राहुल पाटिल, भगवान परशुराम जयंती उत्सव समितिके डॉ. गणेश जोशी, स्वा. सावरकर युवा संगठनके श्री. रोहित कुलकर्णी, शीतलामाता मित्रमंडळ भगुर संगठनके कार्यकर्ता, प. पू. आसारामबापू संप्रदायके नासिक स्थित श्री. गोकुळ गायकवाड, श्रीमती संजीवनी पवार, श्री. प्रफुल्ल भाई, बालसंस्कारवर्ग प्रमुख श्री. कैलाशभाई आहुजा एवं शेष कार्यकर्ता, वारकरी संप्रदायके ह.भ.प. शेटे महाराज, प्रखर धर्माभिमानी तथा श्रीकृष्णभक्त श्रीमती मीरा अहिरराव एवं श्री संप्रदायके श्रद्धालुओंके साथ १८० धर्माभिमानी हिंदू उपस्थित थे ।

इस अवसरपर ह. भ. प. शेटे महाराजने कहा, `महाराष्ट्र संतोंकी भूमि है’ । इस पुण्यभूमिमें हिंदू धर्मके मूलपर आघात करनेका प्रयास इस अधिनियमके माध्यमसे अंनिस तथा कांग्रेस प्रशासन कर रहा है । चाहे कुछ भी हो जाए, वारकरी संप्रदाय यह अधिनियम पारित नहीं होने देगा । हिंदुओंका अस्तित्व नष्ट करनेपर तुली कांग्रेस प्रशासनको अच्छा पाठ पढाना चाहिए । इस अधिनियमका विरोध करने हेतु आज हम सैकडोंकी संख्यामें आए हैं । कल हम लाखोंकी संख्यामें आएंगे, ऐसी चेतावनी श्री. विश्वनाथ झाजीने दी ।

श्री. अनिकेत देशपांडेने कहा, `इस अधिनियमको हमारा संपूर्ण विरोध है, तथा अंततक रहेगा ।’

क्षणिकाएं  

१. आंदोलनके अवसरपर उपस्थित व्यक्तियोंने कांग्रेस प्रशासनके विरोधमें उत्स्फूर्ततासे नारे लगाए ।

२. समितिकी ओरसे अधिनियमके विरोधमें हस्ताक्षर मुहीमका आयोजन किया गया । इस अवसरपर धर्माभिमानियोंने उत्स्फूर्ततासे हस्ताक्षर करके अधिनियमका विरोध किया ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात


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