Menu Close

वाराणसी में ‘उत्तर एवं पूर्व भारत हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’का भावपूर्ण वातावण में शुभारंभ !

पहले दिन आयोजित अधिवक्ता अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं ने लिया रामराज्य की स्थापना का संकल्प !

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु जहां आवश्यक होगा, वहां अपनी क़ानूनी कुशलता का उपयोग करें ! – पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णी, संस्थापक-सदस्य, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णी

वाराणसी : कानून के द्वारा समाजव्यवस्था का निर्धारण किया जाता है। अधिवक्ताओं को कानून का ज्ञान होता है और इसीलिए देश को बनाने में अधिवक्ताओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है ! आज हमें पुनः एक बार समाज को बनाना है। वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन लाने हेतु इस कार्य में अधिवक्ताओं का सहभाग आवश्यक है। हमें अधिवक्ता के रूप में एक ही समय संगठक, पत्रकार, नेता और कार्यकर्ता जैसी विविध भूमिकाओं का निर्वहन करना पडेगा ! हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु स्वयं की चौकट के बाहर कार्य करना पडेगा ! हम अधिवक्ता हैं; इसलिए न्यायालय में ज्ञापन प्रस्तुत करना अथवा न्यायालयीन संघर्ष करना आदि करते समय ही जहां आवश्यकता पडेगी, वहां हम अधिवक्ताओं को अपनी क़ानूनी कुशलता का उपयोग करना समय की मांग है ! हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक-सदस्य पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णीजी ने ऐसा प्रतिपादित किया। ९ नवंबर को यहां आयोजित अधिवक्ता अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में वे बोल रहे थे। ‘हिन्दू राष्ट्र-स्थापना कार्य में कार्यकर्ता अधिवक्ता की भूमिका में अधिवक्ताओं का सहभाग’ इस विषय पर उन्होंने यह मार्गदर्शन किया।

भगवान विश्वनाथ एवं गंगामाता की पावन भूमि वाराणसी में ९ से १२ नवंबर की कालावधि में उत्तर एवं पूर्व भारत हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का शुभारंभ हुआ। इसके अंतर्गत ९ नवंबर को उत्साह के साथ ‘अधिवक्ता अधिवेशन’ संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में अधिवक्ताओं ने रामराज्य स्थापना का संकल्प लिया। इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा एवं बंगाल राज्य के हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता एवं हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि आदि का सहभाग था।

इस अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, ‘इंडिया विथ विजडम्’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठी, हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी एवं अधिवक्ता श्री. दिनेश नारायण सिंह आदि मान्यवर उपस्थित थे। पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णी के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर अधिवेशन का आरंभ हुआ। भावपूर्ण वातावरण में मंत्रपाठ होने के पश्चात अधिवक्ता श्री. प्रशांत वैती ने सनातन संस्था के संस्थापक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के संदेश का वाचन किया। सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने उपस्थित अधिवक्ताओं को ‘हिन्दू राष्ट्र की मुलभूत संकल्पना’के संदर्भ में जानकारी दी।

‘हिन्दू राष्ट्र-स्थापना केवल मत नहीं, अपितु ‘व्रत’ बनना होगा ! – पू. नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

पू. नीलेश सिंगबाळ

अधिवेशन का उद्देश्य विशद करते हुए पू. नीलेश सिंगबाळजी ने कहा, ‘‘हिन्दू राष्ट्र-स्थापना केवल मत नहीं, अपितु एक ‘व्रत’ बनना होगा ! इसी व्रत को आत्मसात कर हिन्दू जनजागृति समिति अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों का आयोजन करती है। हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों के माध्यम से हिन्दुत्वनिष्ठों का यही महासंगठन ही आगे जाकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है ! हिन्दू राष्ट्र कोई राजनीतिक संकल्पना नहीं है, अपितु वह एक सत्त्वगुणप्रधान राज्यव्यवस्था है। हिन्दू राष्ट्र-स्थापना केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, अपितु हमें पुरे विश्वभर में हिन्दू राष्ट्र आने हेतु प्रयास करने हैं !’’

इस सत्र में ‘इंडिया विथ विजडम्’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि, यादि सार्वजनिक व्यवस्था सुरक्षित नहीं होगी, तो हम भी सुरक्षित नहीं हैं ! हम सार्वजनिक जीवन में ही सर्वाधिक समय व्यतीत करते हैं; किंतु वास्तव में हम व्यक्तिगत जीवन और हितों का ही अधिक विचार करते हैं !

अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठी

१. पिछले दशक से मैं इंडिया विथ विजडम् इस संगठन के माध्यम से एवं व्यक्तिगत रूप से भी प्रयास कर रहा हूं ! जब आप अयोग्य व्यवस्था के विरोध में आवाज उठाते हैं, तब प्रशासन केवल तात्कालीक उपाययोजना करती है। कभी राजनीतिक, तो कभी भीड का तुष्टीकरण किया जाता है !

२. वाराणसी में धारा १४४ का उल्लंघन हो रहा था। धारा १४४ के लागू होने के समय लोकसभा चुनाव के समय एक नेताद्वारा शोभायात्रा की अनुमति मांगी जाने पर ‘अधिवक्ता कमलेश त्रिपाठी परिवाद प्रविष्ट करेंगे’; इस कारण से अनुमति अस्वीकार की ! आज धार्मिक शोभायात्रों के प्रकरणों में दोहरी नीतिवाले मापदंड लगाए जाते हैं ! इस संदर्भ में भी हम कार्य कर रहे हैं !

३. वाराणसी में बकरी ईद पर होनेवाली उंटों की हत्या परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात बंद की गई ! प्रशासन की ओर से सडक पर स्थित धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश आने के पश्चात केवल मंदिरों को ही गिराया जाता है ! इसके लिए भी मैं संघर्ष कर रहा हूं !

४. निखिल बंग नागरिक संघ के एवं कोलकाता उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. उदय नारायण चौधरी ने ‘बंगाल में अधिवक्ताओं की स्थिति’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने यह आश्वासन देते हुए कहा कि, बंगाल में हिन्दू जनजागृति समिति की क़ानूनी सहायता हेतु मैं क्रियाशील रहूंगा !

इस अवसर पर अधिवक्ता श्री. नीलेश सांगोलकर ने उपस्थित अधिवक्ताओं के सामने हिन्दू विधिज्ञ परिषद का ब्यौरा प्रस्तुत किया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *