नई मुंबई के सानपाडा में साधना एवं गुणवृद्धि शिविर
नई मुंबई : सानपाडा में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से साधना एवं गुणवृद्धि शिविर का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर सनातन संस्था की श्रीमती स्नेहा हरमळकर ने ‘जीवन में साधना का महत्त्व एवं अनिवार्यता’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया। उसमें उन्होंने साधना में प्रायोगिक भाग महत्त्वपूर्ण है और आनेवाले समय में हम साधना के बल पर ही टिके रह सकते हैं, इस सूत्र को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कर दिया।
दूसरे सत्र में डॉ. (श्रीमती) ममता देसाई ने अपने मार्गदर्शन में साधना के साथ ही स्वभावदोष निर्मूलन एवं गुणसंवर्धन प्रक्रिया का महत्त्व समझाया। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया के कारण साधना के पथ पर बाधाएं बननेवाले दोषों पर सहजता से विजय प्राप्त की जा सकती है और उसके कारण दोष और पापों के परिमार्जन में खर्च होनेवाली अमूल्य साधना बचती है ! इस प्रक्रिया के कारण नित्य जीवन में सभी को लाभ मिलता है। यह प्रक्रिया सुखी और आनंदित जीवन की चाबी है !’’
क्षणिकाएं
१. शिविर में मार्गदर्शन के समय उपस्थित जिज्ञासुओं का उत्स्फूर्त सहभाग देखने को मिला, वे प्रश्न पूछ रहे थे और पूछे गए प्रश्नों को उत्तर भी दे रहे थे !
२. एक जिज्ञासु ने कागद और पेन मांग लेकर मार्गदर्शन में बताए जा रहे सूत्र लिख कर लिए।
३. पाठक श्री. लक्ष्मण उरसळ ने ‘‘यह शिविर बहुत अच्छा था’’, ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त कर समय-समय पर और शिविर लेने की मांग की और शिविर में जिज्ञासा के साथ भाग लिया।
४. जिज्ञासुओं को दोष निर्मूलन प्रक्रिया का भाग विशेष अच्छा लगा और उन्होंने इस भाग को और विस्तार से लेने की मांग की !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात