आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की सरकार कितना भी दिखावा करे लेकिन सच्चाई कुछ और रहती है। और इसी कड़ी में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमाद-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद पर लाहौर स्थित एक अदालत में टेरर फंडिंग को लेकर आरोप नहीं तय हो पाए।
दरअसल, शनिवार को होने वाली इस हाई प्रोफाइल सुनवाई के लिए कोर्ट में आतंकी हाफिज सईद की पेशी तो हुई लेकिन मामले के एक अन्य आरोपी मालिक जफर को अधिकारी पेश नहीं कर पाए। इस वजह से यह सुनवाई टाल दी गई।
दरअसल, शनिवार को होने वाली इस हाई प्रोफाइल सुनवाई के लिए कोर्ट में आतंकी हाफिज सईद की पेशी तो हुई लेकिन मामले के एक अन्य आरोपी मालिक जफर को अधिकारी पेश नहीं कर पाए। इस वजह से यह सुनवाई टाल दी गई।
दरअसल, शनिवार को होने वाली इस हाई प्रोफाइल सुनवाई के लिए कोर्ट में आतंकी हाफिज सईद की पेशी तो हुई लेकिन मामले के एक अन्य आरोपी मालिक जफर को अधिकारी पेश नहीं कर पाए। इस वजह से यह सुनवाई टाल दी गई।
अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद बताया कि हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ मामले पर आतंकवाद के वित्त पोषण के संबंध में आतंकवाद रोधी अदालत-1 में आरोप तय किए जाने थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल को पेश नहीं किया गया।
अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद बताया कि हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ मामले पर आतंकवाद के वित्त पोषण के संबंध में आतंकवाद रोधी अदालत-1 में आरोप तय किए जाने थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल को पेश नहीं किया गया।
स्त्रोत : आज तक