चीन – चीन ने देश के कुछ धार्मिक समूहों (Religious Groups) के खिलाफ अपने कड़े रुख के बाद अब अपने ‘समाजवादी मूल्यों’को प्रतिबिंबित करने के लिए बाइबल (Bible) और कुरान को फिर से लिखा जाएगा। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
डेलीमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के एक प्रमुख अधिकारी ने कहा है, ‘नए संस्करणों में ऐसी कोई भी बात नहीं होनी चाहिए जो कि कम्युनिस्ट पार्टी के विश्वासों के खिलाफ जाती हो।’ उन्होंने बताया कि जो भी पैराग्राफ गलत समझे जाएंगे उनमें या तो बदलाव किया जाएगा या फिर उनका पुर्नअनुवाद करवाया जाएगा।
सीधे बाइबल-कुरान का जिक्र नहीं, धार्मिक धर्मशास्त्रों के व्यापक मूल्यांकन की बात
हालांकि जो आदेश जारी हुआ है, उसमें विशेष रूप से बाइबल और कुरान (Bible and Quran) का उल्लेख नहीं किया गया है। पार्टी ने कहा है, ‘ऐसे धार्मिक धर्मशास्त्रों के व्यापक मूल्यांकन की बात कही गई है, जो उन बातों को लेकर हैं, जो समय में आए बदलाव के अनुरूप नहीं हैं।’
यह आदेश नवंबर में चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेंट कॉन्फ्रेंस की राष्ट्रीय समिति की जातीय और धार्मिक मामलों की समिति (Committee for Ethnic and Religious Affairs) द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान दिया गया था, जो चीन में जातीय और धार्मिक मामलों की देखरेख करता है।
स्त्रोत : न्यूज १८