कल्याणकारी कानूनों के समर्थन में फेरियां निकालने की स्थिति आना देश के लिए दुर्भाग्यजनक ! – पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी
सांगली : किसी कल्याणकारी कानून के समर्थन में देशवासियों को यदि फेरियां निकालनी पडती हो, तो यह देश के लिए दुर्भाग्यजनक है ! वास्तव में इन कानूनों का इससे पहले ही क्रियान्वयन होना आवश्यक था। जो लोग आज इसका विरोध कर रहे हैं, वे अपनी जन्मजात प्रकृति के अनुसार ही कर रहे हैं। हिन्दुओं का जागरूक न होना, इसका मूल है ! हिन्दुओं को आत्मोद्धार का महत्त्व तो समझ में आता है; किंतु राष्ट्रोद्धार का महत्त्व समझ में नहीं आता। उसी को हिन्दुओं के मन-मन में अंकित करना श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान का कार्य है ! देशद्रोही लोग ही इस कानून का विरोध कर रहे हैं। श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के संस्थापक पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी ने ऐसे स्पष्टतापूर्ण विचार व्यक्त किए। नागरिकता संशोधन कानून एवं राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एन्.आर्.सी.) के समर्थन में श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के संस्थापक पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी के नेतृत्व में सोमवार, ३० दिसंबर को भव्य फेरी निकाली गई। फेरी के समापन अवसर पर फेरी में सहभागी राष्ट्रप्रेमियों को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे।
इस फेरी में विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, राजनीतिक दल, हिन्दू जनजागृति समिति आदि के कार्यकर्ता एवं मातृशक्ति के साथ सहस्रों देशप्रेमी नागरिक भी सहभागी थे। अत्यंत अनुशासित पद्धति से हिन्दू एकता का दर्शन करानेवाली यह फेरी तो विरोधियों के लिए एक चेतावनी ही थी !
हम अभी भी जागृत नहीं हुए, तो कागजात होते हुए भी इस देश में रहने का अधिकार गंवा देंगे ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
जब कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर से बाहर निकाला गया, तब उनके पास सभी कागजात थे; परंतु उनकी संख्या अल्प होने से धर्मांधों ने उन्हें बलपूर्वक बाहर निकाला। आज यदि हम जागृत नहीं हुए, तो हमारे पास सभी कागजात होते हुए भी हम इस देश में रहने का अधिकार गंवा बैठेंगे और हमें यदि ऐसा नहीं होने देना हो, तो हमें नागरिकता संशोधन कानून, एन्.पी.आर. एवं एन्.आर्.सी. इन तीनों कानूनों का समर्थन करना ही होगा ! हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने ऐसा मार्गदर्शन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात