अमरावती के प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन में मान्यवरोंद्वारा प्रस्तुत किये गए विचार
हिन्दू धर्मपर हो रहे आघात रोकने हेतु हिन्दू राष्ट्र ही एकमात्र उपाय ! – ह.भ.प. श्रीकांत भुस्कुटे महाराज, राष्ट्रीय वारकरी परिषद
अमरावती : जब वातावरण दूषित बनता है, तब विविध संक्रमणकारी रोग फैलते हैं, साथ ही साधना से दूर जाने के कारण हिन्दू धर्म को ग्लानि आ गई है। उसके कारण ही अश्रद्धा, धर्मांतरण, परंपराओंपर आघात, मंदिरों का सरकारीकरण, घुसपैठ, लव जिहाद आदि अनेक अप्रिय घटनाएं बढी हैं। संक्रमणकारी रोग दूर करने के लिए सामान्यरूप से प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) दिए जाते हैं; किंतु दूरदृष्टि के लोक प्रतिजैविकों का सेवन करने के स्थान पर रोग ही न हो; इसके लिए प्रतिबंधक उपाय करते हैं। उसी प्रकार से आज के इस संक्रमणकाल में हिन्दू धर्म पर हो रहे विविध आघातों के विरोध में अलग अलग पद्धति से लडने की अपेक्षा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही उसका एकमात्र विकल्प है ! चांदूरबाजार के राष्ट्रीय वारकरी परिषद के अमरावती जिला सचिव ह.भ.प. श्रीकांत भुस्कुटे महाराज ने ऐसा प्रतिपादित किया।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु आयोजित प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट एवं महाराष्ट्र राज्य वारकरी महामंडल के अमरावती जिलााध्यक्ष ह.भ.प. श्यामसुंदर निचित महाराज ने भी मार्गदर्शन किया।
अधिवेशन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठ
उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न इस २ दिवसीय अधिवेशन में अमरावती, नागपुर, वर्धा, अकोला, यवतमाळ, बुलढाणा एवं वाशिम जिला के अधिवक्ता, उद्योगपति, सूचना-अधिकार कार्यकर्ता, विविध संप्रदाय, युवक मंडलों के प्रतिनिधियोंसहित कुल ३७ संगठनों के हिन्दुत्वनिष्ठ प्रतिनिधि सहभागी हुए। अधिवेशन के समापन समारोह में उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘जयतु जयतु हिन्दूराष्ट्रम्’ की गूंज में लोककल्याणकारी हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु समर्पित होकर कार्य करने का निर्धार किया।
अमरावती के विदर्भ प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन में उपस्थित मान्यवरों के विचार
ईश्वरीय राज्य में हिन्दुओं के देवालय एवं देवालय समितियों में हो रहा भ्रष्टाचार दूर होगा ! – श्री. अनुप जयस्वाल, सचिव, विदर्भ देवस्थान सेवा समिती
आजकल अनेक देवस्थान समितियों में बडी मात्रा में भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकारद्वारा अधिग्रहित मंदिरों में भी बडी मात्रा में भ्रष्टाचार हो रहा है। इन सभी विषयों की ओर हमने कभी ध्यान ही नहीं दिया ! हिन्दू जनजागृति समिति के आंदोलनों के कारण हमें ये सभी अप्रिय घटनाएं ज्ञात हो रही हैं। ईश्वरीय राज्य में हिन्दुओं के देवालय और देवालय समितियों में चल रहा भ्रष्टाचार दूर होगा !
८० प्रतिशत धर्मांध दंगाईयों की सहायता करते हैं ! – श्री. राजेंद्रसिंह राजपूत, प्रदेशाध्यक्ष, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा
हमने जो दंगे देखे हैं, वो सब पूर्वनियोजित ही थे ! ८० प्रतिशत धर्मांध इन दंगाईयों की सहायता करते हैं। भारत के धर्मांध भी इन धर्मांध अपराधियों की सहायता करते हैं। मूर्तिपूजकों के अमानुषिक पद्धति से मार डालने का ही उनका नियोजन होता है। अतः अब ईश्वरीय राज्य के बिना अन्य कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है !
सनातन संस्थाद्वारा सिखाई गई साधना करने से जीवन आनंदित बना ! – श्री. विजय दुबे, राष्ट्रीय श्रीराम सेना, अमरावती
विगत १८ वर्षों से श्रीराम सेना का कार्य चल रहा है। श्रीराम सेना पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया गया और हमें भी कष्ट पहुंचाए गए; किंतु श्रीकृष्ण की कृपा से ये कष्ट न्यून हुए। गोरक्षा के कार्य में भी अनेक संकट आए; परंतु केवल गुरुकृपा से ही ये सभी संकट दूर होकर हम सुरक्षित बच गए। सनातन संस्थाद्वारा सिखाई गई साधना करने से हमारे जीवन में पहले से अधिक आनंद आ गया है !
दूरचित्रवाणी पर विज्ञापनों के माध्यम से फैलाई जा रही अश्लीलता को रोका जाना चाहिए ! – श्रीमती रामाश्री रामप्रिया, रामाश्रय जनकल्याण न्यास
हमारे समाज की महिलाएं अशक्त नहीं, अपितु सशक्त हैं ! आजकल दूरचित्रवाणी पर विज्ञापनों के माध्यम से फैलाई जा रही अश्लीलता को रोका जाना चाहिए। भंडारा जिला के आदिवासियों को भ्रमित किया गया है। उनके मन में ‘तुम्हारे देवी-देवता कुछ काम के नहीं हैं’, ऐसा अंकित किया गया। उन्हें घर में रखी हुई देवी-देवताओं की सभी मूर्तियां और चित्रों को कूढे में फेंक देने के लिए प्रवृत्त किया गया। इस संदर्भ में जागृति लाकर हिन्दू धर्मरक्षा हेतु सभी को एकत्रित होकर प्रयास करना समय की मांग है !
हिन्दुओं के संगठनों का विघटन होने के कारण ही हिन्दू दुर्बल बनते जा रहे हैं ! – श्री. प्रकाश शिरवानी, शिवधारा आश्रम, अमरावती
धर्मांतरण होने का कारण हमारा धर्म दुर्बल नहीं है, अपितु हमारी धर्मभावना दुर्बल हो रही है। हमारे संगठनों का विघटन होने से हम दुर्बल बनते जा रहे हैं। सर्वत्र चमत्कार दिखाकर और धन का लालच देकर धर्मांतरण किया जाता है। इसमें परिवर्तन लाने हेतु हमें बहुत बडी वैचारिक क्रांति करनी होगी। जब हम तन-मन-धन का त्याग कर कार्य करेंगे, तभी जाकर हिन्दू राष्ट्र आएगा !
पत्रकारिता से समाज के सामने वास्तविकता न आकर दिशाभ्रम करनेवाली घटनाएं हो रही हैं ! – अधिवक्ता श्री. सतीश उपाध्याय, अमरावती
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जानेवाली पत्रकारिता आज दिशाहीन बन गई है। उससे समाज के सामने वास्तविकता नहीं आती, अपितु आज सर्वत्र दिशाभ्रम करनेवाली घटनाएं हो रही हैं। ऐसी स्थिति में समाज का दिशादर्शन कैसे होगा ? आज के पत्रकार धर्मांधों को धर्मांध कहने के लिए डरते हैं; मात्र जब हिन्दुओं की बात आती है, तो वे तुरंत ही ‘भगवा आतंकवाद’ कहने के लिए नहीं डरते ! इस स्थिति को बदलना आवश्यक है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात