१. नगर
नगर – भोपाल में हाल ही में आयोजित किए हुए काँग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण शिबिर में बांटे गए ‘वीर सावरकर -कितने वीर?’ इस पुस्तक के माध्यम से स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी की बदनामी कर देश की सामाजिक शांति को भंग करने का प्रयास किया गया । इसलिए इस पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगाए, साथ ही इस पुस्तक के संपादक एवं लेखक इन्हें तुरंत बन्दी बनाकर उनपर देशद्रोह का परिवाद प्रविष्ट करें, ऐसी मांग हिंदू जनजागृति समिति के श्री. संतोष गवळी ने की । यहां के तहसील कार्यालय के सामने समिति एवं अन्य समविचारी संगठनों की ओर से आयोजित राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन में वे बोल रहे थे । ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी को तुरंत ‘भारतरत्न’ दिया जाए, ऐसी मांग भी इस आंदोलन द्वारा की गई ।
२. ठाणे में हिन्दुत्वनिष्ठों का निषेध आंदोलन
स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी का अनादर करनेवाली पुस्तक पर तुरंत प्रतिबंध लगा कर संबंधित व्यक्तियों के विरोध में कठोर कार्रवाई करें ! – श्रीमती नयना भगत, प्रवक्ती, हिन्दू जनजागृति समिति
ठाणे : भोपाल में कांग्रेस सेवादल के प्रशिक्षण शिविर में ‘वीर सावरकर – कितने वीर ?’ नाम से बांटी गई पुस्तक को पढने पर कांग्रेसवाले स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी को बदनाम करने में कितने नीचले स्तर तक जा सकते हैं, यही दिखाई देता है ! केवल स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी ही नहीं अपितु किसी भी राष्ट्रपुरुष एवं क्रांतिकारी का अनादर न हो; इसके लिए केंद्र सरकार को तत्काल कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। कांग्रेस का सावरकरद्वेष संपूर्ण क्रांतिकारी आंदोलन के प्रति ही द्वेष है; इसलिए इस आपत्तिजनक पुस्तक पर देशभर में तत्काल प्रतिबंध लगा देना चाहिए, साथ ही इस पुस्तक के लेखक और प्रकाशक के विरोध में कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से हिन्दू जनजागृति समिति की प्रवक्ती श्रीमती नयना भगत ने ऐसी मांग की। १० जनवरी को ठाणे (पश्चिम) रेलस्थानक के बाहर सैटिस पुल के नीचे किए गए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में वे बोल रही थीं।
इस आंदोलन में सहभागी राष्ट्रप्रेमियों ने हाथों में ‘हम भी सावरकर’ लिखे हुए फलक पकडे हुए थे। इस आंदोलन में आंदोलनकारियों ने ‘भारतमाता की जय’, ‘वन्दे मातरम्’, ‘क्रांतिकारी एवं राष्ट्रपुरुषों का अनादर करनेवालों के विरोध में कठोर कार्रवाई करें’ आदि घोषणाएं दीं।
इस आंदोलन में रा.स्व. संघ, हिन्दू राष्ट्र सेना, वंदे मातरम् प्रतिष्ठान, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति एवं विविध संगठनों के सावरकरप्रेमी नागरिक सहभागी हुए थे।
३. दादर
कांग्रेस ने स्वतंत्रतावीर सावरकरजी का दुष्प्रचार कर उन्हें बदनाम किया ! – डॉ. उदय धुरी
मुुंबई : स्वतंत्रतावीर सावरकरजी ने आजीवन कारावास भोगते समय अन्य भारतीय राजनीतिक बंदीजनों की मुक्तता के लिए प्रयास किए थे; परंतु कांग्रेस ने उनके संदर्भ में दुष्प्रचार करते हुए उन्हें बदनाम किया । अब भोपाल में संपन्न कांग्रेस सेवादल के शिविर में स्वतंत्रतावीर सावरकरजी के संदर्भ में हीन स्तर का दुष्प्रचार करनेवाले पत्रक बांटे गए । इसके कारण जनता में कांग्रेस के प्रति क्षोभ है । हिन्दू जनजागृति समिति के मुंबई प्रवक्ता वैद्य उदय धुरी ने ऐसा प्रतिपादित किया । ९ जनवरी को दादर (पश्चिम) रेलस्थानक के बाहर विविध हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से सावरकरजी के अनादर की निंदा करने के लिए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया, उसमें वैद्य धुरी ऐसा बोल रहे थे ।
राष्ट्रप्रेमी हाथों में ‘हम सभी सावरकर’ लिखे हुए फलक हाथ में पकडकर इस आंदोलन में सहभागी हुए थे । इस अवसरपर आंदोलनकारियों ने ‘भारतमाता की जय’, ‘वन्दे मातरम्’ आदि घोषणाएं करते हुए क्रांतिकारी एवं राष्ट्रपुरुषों का अनादर करनेवालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की । इस आंदोलन में सावरकर स्मारक, बजरंद दल, विश्व हिन्दू परिषद, वज्रदल, श्रीराम गणेश मंदिर मित्रमंडल, न्यू परशुराम क्रीडा मंडल (काळाचौकी), रायगढ संवर्धन प्रतिष्ठान, हिन्दू जनजागृति समिति आदि विविध संगठनों के प्रतिनिधि, सावरकरप्रेमी और सनातन संस्था के साधक उपस्थित थे ।
कांग्रेस द्वारा प्रकाशित वीर सावरकरजी का अपमान करनेवाले ‘वीर सावरकर – कितने वीर?’ इस पुस्तिका पर प्रतिबन्ध लगाएं – हिन्दू जनजागृति समिति
काँग्रेस का वीर सावरकरद्वेष, यह संपूर्ण क्रांतिकारी आंदोलन के प्रति द्वेष है !
वीर सावरकर के विषय में गलिच्छ पुस्तक लिखनेवाले लेखक और उसके प्रकाशक पर कार्यवाही करें; साथ ही उस पुस्तक पर देशभर में तुरंत प्रतिबंध लगाएं ! – हिन्दू जनजागृति समिति की मांग
भोपाल में काँग्रेस सेवादल के प्रशिक्षण शिविर में ‘वीर सावरकर-कितने ‘वीर’ ?’ नामक पुस्तक बांटी गई । इस पुस्तक में अत्यंत ही हीन स्तर पर वीर सावरकर के प्रति द्वेष और असत्य लेखन किया है । इससे यही दिखाई देता है कि काँग्रेसवाले स्वतंत्रतावीरों की अपकीर्ति करने के लिए कितने निचले स्तर पर जा सकते हैं । भविष्य में ऐसा अनादर केवल वीर सावरकर का ही नहीं, अपितु किसी भी राष्ट्रपुरुष और क्रांतिकारियों का अन्य किसी से भी न हो, इस हेतु केंद्र सरकार को तुरंत ही इस संदर्भ में कानून बनाने की आवश्यकता है । काँग्रेस द्वारा वितरित पुस्तक से देश की धार्मिक और जातीय तनाव उत्पन्न कर समाज में फूट डालने का कुटिल षड्यंत्र ध्यान में आता है । काँग्रेस का वीर सावरकरद्वेष, यह संपूर्ण क्रांतिकारी आंदोलन के प्रति ही द्वेष है । अत: इस आक्षेपजनक पुस्तक पर देशभर में तुरंत प्रतिबंध लगाएं, उसके लेखक और प्रकाशक पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एसं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने की । सावरकरजी के समर्थन में महाराष्ट्र के पुणे और सावंतवाडी शहरों में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किए गए । ऐसे ही आंदोलन देश के विविध शहरों में हो रहे हैं ।
#VeerSavarkar के विषय में गलिच्छ पुस्तक लिखनेवाले लेखक और उसके प्रकाशक पर कार्यवाही करें; साथ ही उस पुस्तक पर देशभर में तुरंत प्रतिबंध लगाएं ! @HinduJagrutiOrg की मांग
?काँग्रेस का वीर सावरकरद्वेष, यह संपूर्ण क्रांतिकारी आंदोलन के प्रति द्वेष है ! @SG_HJS @aajtak @republic pic.twitter.com/af5AugHR5V
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) January 6, 2020
काँग्रेस के शिविर अर्थात सामाजिक शांति भंग करने का प्रशिक्षण देनेवाले केेंंद्र !
काँग्रेस के शिविरों में देश के क्रांतिकारी समलिंगी संबंध रखनेवाले, मस्जिदों पर पथराव करनेवाले, अल्पसंख्यक महिलाओं पर बलात्कार करनेवाले थे, ऐसा उल्लेखवाली अत्यंत गलिच्छ पुस्तक बांटकर क्या सिखाया जाता है ? इससे तो यही सिद्ध होता है कि काँग्रेसी शिविर सामाजिक शांति भंग कैसे कर सकते हैं, इसके प्रशिक्षण केंद्र हैं । वीर सावरकर जैसे महान राष्ट्रभक्त की अवहेलना सार्वजनिकरूप और निरंतर हो रही है । कोई भी आता है और उनके चरित्र पर लांछन लगाता है । यह अक्षम्य और असहनीय है । अब सरकार बार-बार होनेवाली ऐसी घटनाओं से राष्ट्र्रभक्त नागरिकों की सहनशीलता का अंत न देखे । दोषियों पर कठोर से कठोर और शीघ्र कार्यवाही करे । इसके साथ ही यह मांग भी की गई कि आज तक वीर सावरकरजी का जो अनादर हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति करने के एक प्रयत्नस्वरूप वीर सावकर को सर्वोच्च नागरी पुरस्कार ‘भारतरत्न’ तुरंत घोषित किया जाए, ऐसी मांग भी श्री. घनवट ने की ।
समितिद्वारा तथा हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा महाराष्ट्र में हुए आंदोलन
कांग्रेस सेवादल की किताब में छपा – ‘नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे’ !
कांग्रेस का सावरकरद्वेष !
भोपाल – मध्य प्रदेश कांग्रेस सेवादल की ओर से वीर सावरकरजी को लेकर बांटी गई किताब में सावरकरजी का अपमान किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सावरकरजी महान थे और महान रहेंगे। इसपर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि, जो उनकी आलोचना करते हैं उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है।
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, वे सावरकरजी को गाली देते हैं क्योंकि उनके आदर्श जिन्ना हैं। भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने सावरकरजी को लेकर सोनिया और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने मामले में महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘वीर सावरकरजी एक महान व्यक्तित्व थे और हमेशा रहेंगे। एक वर्ग उनके खिलाफ बोलता रहता है जो उनके दिमाग की गंदगी को दिखाता है कि कितना हद तक वे गिर सकते हैं।’
दरअसल कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई किताब पर लिखा है – ‘वीर सावरकरजी कितने वीर’। भोपाल में आयोजित किए गए 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में इस किताब को बांटा गया जिसमें नाथूराम गोडसे का भी जिक्र है। किताब में लिखा है कि, गोडसे और सावरकरजी के बीच शारीरिक संबंध थे। इस पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘वह दिन दूर नहीं जब वे (कांग्रेस) यह किताब पढ़ेंगे – जिन्ना कैसे नेता थे। कांग्रेस के आदर्श जिन्ना हैं इसलिए वे सावरकरजी को गाली देते हैं।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स