क्या अन्य धर्मियों के त्यौहारों पर टिकट मूल्यो में इस तरह की बढोत्तरी किए कभी सुना है ?
आंध्रप्रदेश तथा तेलंगाना के प्रशासन ने मकरसंक्रांति के समय श्रद्धालुओं की भीड के कारण असुविधा न हो इसलिए जगह-जगह जाने के लिए अधिक बसें छोडने की व्यवस्था की है; परंतु उसके लिए टिकट दर में ५० प्रतिशत किराया वृद्धि की गई है । गतवर्ष भी इसी प्रकार किराया वृद्धि की गई थी ।
सरकार एक ओर हज की धार्मिक यात्रा करने के लिए मुसलमान बंधुओं को सैकडों करोड रुपयों की छूट देकर अल्प खर्च में विमानप्रवास की सुविधा, विशेष वैद्यकीय सुविधा और उन्हें सरकारी खर्च से अर्थात बहुसंख्यांक हिन्दुओं के टैक्स में जमा हुए पैसों से हज हाऊस बनाया । दूसरी ओर हिन्दुओं के त्यौहार और धार्मिक उत्सवों के समय इस प्रकार किराया वृद्धि करना, अधिभार लगाना जैसे प्रकार किए जाते हैं । यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निषेधार्ह है । धर्मनिरपेक्ष कहलानेवाली इस शासनप्रणाली में सभी धर्मों को समान न्याय मिले, ऐसा अपेक्षित होते हुए हिन्दुओं के साथ सदा ही भेदभाव किया जाता है, फलस्वरूप हिन्दू समाज के मन में अन्याय की भावना उत्पन्न हो रही है ।
राज्य परिवहन विभाग द्वारा लिए गए किरायावृद्धि के इस निर्णय का लाखों श्रद्धालुओं को बडी आर्थिक हानि होगी । यह निर्णय एक प्रकार से धार्मिक पक्षपात है और जानबूझकर हिन्दुओं के धार्मिक उत्सव पर बंधन लाने का प्रकार होने की भावना हिन्दू समाज में निर्माण हुई है ।
इस हेतु हम निम्नांकित मांगें कर रहे हैं –
१. सरकार मकरसंक्रांती के निमित्त की गई किराया वृद्धि शीघ्र रद्द की जाए ।
२. इन धार्मिक उत्सवों के स्थानों पर श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाएं ।
३. भारतीय नागरिकों को धर्म के आधार पर सुविधा न देकर, सभी नागरिकों को समान सुविधा मिले, समान अधिकार मिले, इस हेतु देश में समान नागरीक कानून लागू करें ।