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विश्‍व के प्रत्येक देश में एनआरसी होते हुए भी भारत में उसका विरोध क्यों ? – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

हिन्दू सेवा परिषद द्वारा आयोजित सप्तम हिन्दू राष्ट्र कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न !

कार्यशाला में मार्गदर्शन करते हुए बाईं ओर से श्री. अतुल जेसवानी, सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी एवं श्री. जितेंद्र चिमनानी
कार्यशाला में उपस्थित कार्यकर्ता एवं परिषद के पदाधिकारियों के साथ १. सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी एवं २. श्री. आनंद जाखोटिया

मंडला (मध्य प्रदेश) : भारत में नागरिकता संशोधन विधि (सीएए) एवंं राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एन्आर्सी) को समझ लिए बिना ही उनका विरोध किया जा रहा है । विश्‍व के अन्य देशों में उनकी अपने-अपने एन्.आर्.सी. विधियां हैं । एन्आर्सी एवं नागरिकता के संदर्भ में सक्षम विधियां होना किसी भी देश की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है । सीएए एवं एन्आर्सी के कारण भारत के अल्पसंख्यकों की नागरिकता नागरिकता संकट में नहीं आएगी और ऐसा होते हुए भी कुछ असामाजिक तत्त्वोंद्वारा इन विधियों का जानबूझकर विरोध किया जा रहा है । वास्तविकरूप में कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में सबसे पहले संसद में नागरिकता संशोधन विधि संसद के पटलपर रखी थी; परंतु वही कांग्रेस आज इस विधि का विरोध कर रही है । एन्आर्सी एवं सीएए के कारण भारत में घुसपैठ करनेवालों को यह देश छोडना पडेगा, साथ ही पाकिस्तान, बांगला देश एवं अफगानिस्तान के अल्पसंख्य हिन्दुओं को भारत की नागरिकता मिलेगी । अतः ये दोनों विधियां भारत के लिए आवश्यक हैं । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्दू युवा परिषद की ओर से २७ एवं २८ दिसंबर को २ दिवसीय सप्तम हिन्दू राष्ट्र कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गा था । उसमें सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने उपस्थित कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया । इस कार्यशाला का आयोजन यहां की तुलसी तपोवन गौशाला में किया गया था ।

हिन्दू युवा सेवा परिषद के कार्यकर्ताओं को हिन्दू धर्म एवं हिन्दू राष्ट्र स्थापना की आवश्यकता के संदर्भ में जानकारी मिले, साथ ही उन्हें स्वधर्म की शिक्षा मिलकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु कार्यकर्ता तैय्यार हों; इस उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में धर्मशिक्षा की आवश्यकता, जीवन में साधना की आवश्कयता, नियोजनबद्ध समष्टि साधना कैसे करनी चाहिए ?, राष्ट्र एवं धर्मसहित विविध विषयोंपर मार्गदर्शन किया गया । इस कार्यशाला में परिषद के जबलपुर, मंडला एवं निवास इन जनपदों के कार्यकर्ता उपस्थित थे । इस कार्यशाला में हिन्दू सेवा परिषद के प्रदेशाध्यक्ष श्री. अतुल जेसवानी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री. जितेंद्र चिमनानी, मंडला जिलाध्यक्ष डॉ. संतोष कच्छवाह, प्रदेश महासचिव श्री. धर्मेंद्र ठाकुर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने मार्गदर्शन किया ।

हिन्दू धर्म के लिए सभी को कार्य करना आवश्यक ! – अतुल जेसवानी

हिन्दू धर्मपर अनेक आघात हो रहे हैं । रामजन्मभूमि का निर्णय भले ही हिन्दुओं के पक्ष में लगा हो; परंतु उससे सामाजिक शांति भंग न हो; इसलिए उनका आनंद भी मनाया नहीं जा सका । आज देश की स्थिति विपरीत बनी है । एन्आर्सी एवं सीएए विधियों का विरोध करने के लिए देशभर में आगजनी कि जा रही है और सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाई जा रही है । उसी में हिन्दुओं में स्वधर्म के प्रति अभिमान न होने से वे धर्मरक्षा के लिए तैय्यार नहीं हैं । हम सभी को इस कार्यशाला से हिन्दू धर्म की शिक्षा लेकर धर्म का कार्य करना है ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य हेतु हिन्दू सेवा परिषद सदैव प्रयासरत रहेगी ! – जितेंद्र चिमनानी

इस कार्यशाला से सभी को धर्मरक्षा एवं धर्माचरण का महत्त्व ध्यान में आया है । हम यदि अभी भी धर्मकार्य करने नहीं उतरे, तो हमें आगे जाकर बहुत ही कठिन स्थिति का सामना करना पडेगा । हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में हिन्दू सेवा परिषद सदैव प्रयासरत रहेगी और उसके लिए विविध उपक्रम भी लिए जाएंगे, यह मैं आश्‍वासन देता हूं ।

हिन्दू धर्म रक्षा हेतु धर्मशिक्षा लेकर उसके अनुसार आचरण करना महत्त्वपूर्ण ! – आनंद जाखोटिया

आजकल हिन्दुओं की जो स्थिति है, उसका मुख्य कारण है हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं मिलती । उससे हिन्दुओं में धर्म के प्रति अभिमान नहीं है और उसमें धर्मपर हो रहे आघातों के विरुद्ध हिन्दू निद्रिस्त हैं । हम सभी को धर्मशिक्षा लेकर उसके अनुसार आचरण करना आवश्यक है । धर्म का शिक्षा लेकर समाज में उसके प्रति जागृति लाना हमारा दायित्व है ।

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