धुळे : यहां ११ और १२ जनवरी की अवधि में चल रहे २ दिवसीय उत्तर महाराष्ट्रस्तरीय प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का समापन हुआ। इस अधिवेशन में जळगांव, धुळे, नंदुरबार, मालेगांव, नासिक से आए विविध संगठनों के अध्यक्ष, पदाधिकारी, मंदिरों के न्यासी, कार्यकर्ता और हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।
सरकार से हिन्दू राष्ट्र की घोषणा करने की मांग की गई, तो वर्ष २०२३ से पहले हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – विचारगोष्ठी में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठों का विश्वास
अधिवेशन के दूसरे दिन हिन्दू राष्ट्र स्थापना ‘संवैधानिक अथवा असंवैधानिक’ इस विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें निम्नांकित चर्चा हुई –
आजतक हिन्दुओं की कानूनों में अनेक बदलाव किए गए; परंतु अन्य धर्मियों की कानूनों में बदलाव करने का सरकार साहस कभी नहीं दिखाती ! आपातकाल के समय अर्थात वर्ष १९७६ में ४२वां संवैधानिक संशोधन कर संविधान में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ ये दोनों शब्द घुसेड़ दिए गए। अभीतक संविधान में १०० से भी अधिक बार बदलाव किया गया है ! इस विचारगोष्ठी में धर्मप्रेमियों ने संविधान में संशोधन कर हिन्दू राष्ट्र स्थापना की जोरदार मांग की और यह विश्वास व्यक्त किया कि संविधान के अनुसार स्वतंत्र न्यायव्यवस्था के होते हुए भी मुसलमानोंद्वारा शरियत कानून की मांग की जाती है। जिस प्रकार भ्रष्टाचार के विरोध में जनलोकपाल विधेयक पारित करने के लिए वरिष्ठ समाजसेवी श्री. अण्णा हजारे ने तत्कालीन सरकार को बाध्य बनाया; उसी प्रकार सरकार से हिन्दू राष्ट्र स्थापना की मांग की गई, तो वर्ष २०२३ से पहले ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी !
क्षणिकाएं
१. फेसबुक लाईव के माध्यम से १५ सहस्र से भी अधिक लोगों तक अधिवेशन का विषय पहुंचा।
२. लंडन के एक धर्मप्रेमी ने लाईव विचारगोष्ठी का लाभ उठाया।
३ उपस्थित सभी धर्मप्रेमियों में परिवारभावना जागृत होने का प्रतीत हुआ।
४. अधिवेशन के समापन के समय आभार सत्र में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों का मन भर आया।
सहभागी संस्थाएं-संगठन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना, भाजपा, श्रीरामनवमी जन्मोत्सव समिति, जनभूमि फाऊंडेशन, सम्राट मित्रमंडल, मंगलग्रह मंदिर न्यास, श्री एकवीरा देवी मंदिर, श्री भोलेबाबा परिवार, श्रीराम मित्रमंडल, हिन्दू एकता आंदोलन पक्ष, स्वर्णकार समुदाय, योग वेदांत सेवा समितिसहित अधिवक्ता और उद्योगपति आदि सहभागी हुए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात