आगरा : एत्मादपुर में हिंदू परिवारों को ईसाई बनाने के मामले में पुलिस पर सवाल उठने वाली भूमिका से सरकार पर चोट हो रही है। मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तेवर तीखे हो गए हैं। संघ का कहना है कि यह पूरी तरह धर्मांतरण की घटना है। पीडि़त महिला ने प्रलोभन और धमकी देकर धर्म परिवर्तन कराने की बात कही है।
पुलिस दोषियों पर कार्रवाई करने की जगह पीडि़तों को धमका रही है। वेद नगर प्रकरण में नंद किशोर वाल्मीकि पर अपराधी की तरह इनाम घोषित कर दिया था। अब मामले को केंद्र सरकार से लेकर संसद तक उठाया जाएगा। वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने भी विरोध की घोषणा की है।
एत्मादपुर तहसील के गांव गढ़ी संपत की 20 महिलाओं को प्रलोभन देकर ईसाई बनाने का मामला रविवार को उजागर हुआ है। जिला मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर स्थित इस गांव में करीब 1800 की आबादी है। बीते करीब एक साल ये यहां ईसाई मिशनरी सक्रिय हैं।
इसी दौरान गांव की 20 महिलाओं को नजदीकी फीरोजाबाद जिले के टूंडला स्थित गांव नगला तुलसी जाने के लिए प्रेरित किया गया, वहां हर सप्ताह धर्म सभा का आयोजन होता है। महिलाओं के मुताबिक वहां प्रार्थना में शामिल होने से उन्हें बीमारी और दुख दूर होने की बात कही गई। धर्म परिवर्तन करने पर एक लाख रुपये, बच्चों को शिक्षा-नौकरी और पति के नाम जमीन कराने का प्रलोभन दिया।
पीडि़त महिला रामवती ने धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी हरीशंकर व अन्य के खिलाफ थाना एत्मादपुर में तहरीर भी थी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। इससे हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश फैला हुआ है। आरएसएस के प्रांत प्रचारक दिनेश जी ने कहा कि कुछ लोग धर्म परिवर्तन के जरिए राष्ट्र के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। महिलाओं को निशाना इसलिए बनाया जा रहा है, क्योंकि महिला की सोच बदलने पर पूरी पीढ़ी की सोच बदलती है। धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनना चाहिए, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले राजनीतिक दल इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
दिनेश जी ने एत्मादपुर मामले में प्रदेश सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप जड़ा। उनका कहना है कि यहां एक साल से ईसाई मिशनरी सक्रिय थे। उनको किताबें बांटी गईं। महिलाओं को बाकायदा प्रलोभन और धमकी दी गई, इसकी शिकायत भी हुई। इसके बाद भी आरोपी हरीशंकर को एत्मादपुर थाना पुलिस संरक्षण दे रही है, इसमें सरकार की भी पूरी भूमिका है। जबकि यह सीधे तौर पर धर्मांतरण का मामला है।
उन्होंने कहा कि वेदनगर मामले में तो नंद किशोर वाल्मीकि केवल हवन में शामिल हुए थे और वहां परिवारों को दूसरे दिन मीडिया में मामला उछलने के बाद धर्म बदलने का मामला पता लगा, लेकिन उस मामले में तत्काल बिना किसी जांच के मुकदमा दर्ज किया गया। नंद किशोर वाल्मीकि पर किसी अपराधी की तरह आनन-फानन में इनाम भी घोषित कर दिया गया। जिले में बड़े पैमाने पर अन्य जगह भी इसी तरह धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, लेकिन सरकारी संरक्षण के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
हिंदुओ के खिलाफ साजिश बर्दाश्त नहीं: विहिप
एत्मादपुर मामले पर विश्व हिंदू परिषद भी आंदोलन की तैयारी में जुट गई है। ब्रजप्रांत संगठन मंत्री राघवेंद्र जी ने कहा है कि धर्मांतरण के जरिए प्रदेश सरकार वोटों की राजनीति कर रही है और पुलिस उसके दवाब में है। जब हिंदू संगठन सहमति से घर वापसी कराते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और जब हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, तो पुलिस निष्क्रियता बरत रही है। अब यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्त्रोत : जागरण
आगरा : बच्चों की शिक्षा व एक लाख के लालच में धर्मांतरण
आगरा (उत्तर प्रदेश) : जिले के वेद नगर में धर्मांतरण का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि टूंडला के नगला तुलसी क्षेत्र में २० हिंदू महिलाओं के धर्मांतरण की बात सामने आई है। इन महिलाओं को बच्चों की अच्छी शिक्षा व एक लाख रुपये का लालच देकर ईसाई बनाया गया। अब ये महिलाएं अपने घरों में बाइबिल पढ़ती हैं। घटना का खुलासा होने पर गांव में आक्रोश है। गांव की दो महिलाओं ने पादरियों पर झांसा देने का आरोप लगा तहरीर दी है।
जिला मुख्यालय से लगभग १२ किलोमीटर दूर गढ़ी संपत गांव की आबादी करीब १८०० है। यहां हिंदू धर्म की कई जातियां रहती हैं। पिछले एक साल से यहां ईसाई मिशनरियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। नगला तुलसी में आयोजित की जाने वाली धर्मसभा में इन परिवारों की महिलाओं को बुलाया जाता है। इस सभा में जाने वाली श्रीमती देवी का कहना है कि वहां बच्चों की अच्छी शिक्षा और एक लाख रुपये देने की बात कही गई है। क्षेत्र पंचायत सदस्य भूरी देवी भी नगला तुलसी की धर्मसभा में हर रविवार को जाती हैं, जहां चिंगारी लगाना (प्रार्थना) सिखाया जाता है। अंधविश्वास में फंसी इन महिलाओं को अब हर बीमारी का इलाज चिंगारी लगाने में दिखता है। परिवार के लोगों ने घर में बाइबिल देखा तो धर्मांतरण का शक हुआ। श्रीमती देवी के पति रामप्रकाश व भूरी देवी के पति वीरेंद्र सिंह ने धर्मसभा आयोजित करने वालों पर धोखे व लालच से धर्मांतरण का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि ये महिलाएं सत्संग में जाने की बात कहकर घर से निकलती थीं। शाम को थाने पहुंची महिलाओं व परिजनों को पुलिस टरकाती रही। एसपी पश्चिम बबिता साहू ने कहा कि गांव वालों ने धर्मांतरण की बात से इन्कार किया है। जांच के बाद पता चलेगा।
ये महिलाएं पढ़ रही हैं बाइबिल :
रामवती पत्नी बनी सिंह, भूरी देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह, श्रीमती पत्नी रामप्रकाश, विशना देवी पत्नी हाकिम सिंह, राकेश कुमारी पत्नी राजवीर सिंह, राम दुलारी पत्नी ज्वाला सिंह, कस्तूरी पत्नी चंद्रवती, सुनीता पत्नी निहाल सिंह।
ग्रामीणों का कहना है कि धर्मांतरण कराने वालों को सबक सिखाएंगे। रविवार को खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया।
पांच यादव परिवारों की घर वापसी
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) : धर्मांतरण की बयार के बीच जिले के पांच परिवारों ने घर वापसी का फैसला लिया है। यादव जाति के ये परिवार ईसाई धर्म में आस्था रखते हुए चर्च जाने लगे थे। रविवार को यादव महासभा ने इन्हें समझाकर हिंदू धर्म में ही रहने के लिए राजी किया। २४ दिसंबर को शुद्धिकरण यज्ञ किया जाएगा। यादव परिवार ने तीन साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। यादव महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष नरेश यादव ने रविवार को पांचों परिवारों के मुखिया से बात की और ईसाई धर्म छोडऩे को राजी किया। इन परिवारों में २१ सदस्य हैं।
स्त्रोत : जागरण