दक्षिणपंथी हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद ने गुजरात के वलसाड़ में करीब सौ ईसाई लोगों को धर्मांतरित कर हिंदू बनाने का दावा किया है।
विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि धर्मांतरित किए गए लोग आदिवासी समुदाय के हैं, जिन्हें उनके मूल हिंदू धर्म में वापस लाया गया है।
वीएचपी ने ज़ोर देकर कहा है कि धर्मांतरण के लिए लोगों पर किसी तरह का दवाब या लालच नहीं दिया गया।
वहीं कांग्रेस ने आरएसएस पर लोगों को लालच देने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में ‘धर्मांतरण’ की इस घटना पर राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई है।
धर्मांतरण का विरोध
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर रविवार सुबह लिखा, “आरएसएस जबरन या लालच देकर होने वाले धर्मांतरण के ख़िलाफ़ क़ानून चाहता है। क्या वो सचमुच ऐसा चाहते हैं? क्या वो घर वापसी को धर्मांतरण मानेंगे?”
दिग्विजय सिंह ने लिखा, “धुर दक्षिणपंथी संगठन अपनी भुजाएं मज़बूत कर रहे हैं। वीएचपी और आरएसएस हिंदुत्व के जरिए, और उनके संगठन फिर से इतिहास लिखकर और आर्थिक नीतियों के माध्यम से।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और वीएचपी हिंदू धर्म में आने को घर वापसी कहते हैं।
आगरा में भी हुआ था धर्मांतरण
इससे पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने जबरन धर्मांतरण के ख़िलाफ़ क़ानून बनाने की मांग की।
भाजपा के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी धर्मांतरण रोकने के लिए क़ानून की हिमायत की।
स्त्रोत : अमर उजाला