महाराष्ट्र में विविध स्थानोंपर संपन्न हुई हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा
१. अमरावती
अमरावती (महाराष्ट्र) : कश्मीरी हिन्दुओं को जो यातनाएं भोगनी पडी और उन्हें उनकी भूमि से पलायन करना पडा, उसकी भांति भारत के अन्यत्र के हिन्दुओं की स्थिति न हो; इसके लिए स्वयं की सिद्धता करें और हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु तैय्यार हों । आज हिन्दू धर्मपर अनेक प्रकार के आक्रमण हो रही हैं । इन संकटों का सामना करने हेतु हिन्दुओं का प्रभावशाली संगठन बनाकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु प्रयास करना हमारा कर्तव्य है । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत खत्री ने ऐस प्रतिपादित किया । वडाळी गांव में १९ जनवरी को हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा संपन्न हुई । उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. अशोक पात्रीकर के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर इस सभा का आरंभ किया गया । इस सभा में २५० धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।
२. रत्नागिरी
हिन्दुओं के साथ हो रहा अन्याय दूर करने हेतु अब हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ! – विनय पानवळकर
जाकादेवी (जनपद रत्नागिरी, महाराष्ट्र) की हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में ५०० धर्मप्रेमी उपस्थित
जिस प्रकार जिस राष्ट्र में ईसाई बहुसंख्यक होते हैं, वह ईसाई राष्ट्र और जिन राष्ट्रों में मुसलमान बहुसंख्यक हैं, वो इस्लामी राष्ट्र हैं; उस प्रकार जिस राष्ट्र में हिन्दू बहुसंख्यक हैं, वह राष्ट्र अर्थात भारत हिन्दू राष्ट्र बनना चाहिए था; परंतु वैसे हुआ नहीं । इसीलिए आज हम हिन्दुओं के साथ अन्याय हो रहा है । इस अन्याय को दूर करने हेतु अब हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विनय पानवळकर ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से रविवार १९ जनवरी २०२० को जाकादेवी हाईस्कूल के सभागार में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा संपन्न हुई । इस सभा को संबोधित करते हुए श्री. विनय पानवळकर ऐसा बोल रहे थे । इस सभा में ५५० धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।
इस सभा का आरंभ शंखनाद से किया गया । उसके पश्चात हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विनय पानवळकर एवं सनातन संस्था के श्री. दैवेश रेडकर ने दीपप्रज्वलन किया । समिति की कु. नारायणी शहाणे ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य का परिचय कराया और कु. मिथिला वाडेकर ने सूत्रसंचालन किया ।
३. वर्धा
हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कारण राष्ट्र और विश्वकल्याण तो होने ही वाला है ! – पराग बिंड, हिन्दू जनजागृति समिति
वर्धा (महाराष्ट्र) : हमारे लिए धर्म और राष्ट्र अलग-अलग नहीं हैं । हमारे सभी धर्मपुरुष राष्ट्रपुरुष हैं और राष्ट्रपुरुष भी धर्म का पालन करनेवाले हैं । हम देवी-देवताओं का चरणस्नान करते समय भी ‘इस राष्ट्र को बल प्राप्त हो’का मंत्र बोलते हैं । मंत्रपुष्पांजली में भी ‘यह समुद्रवलयांकित पृथ्वी एक राष्ट्र बने’, यह प्रार्थना करते हैं । धर्म के सभी मंत्र विश्वकल्याण हेतु हैं । अतः हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कारण राष्ट्रकल्याण एवं विश्वकल्याण होने ही वाला है । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग बिंड ने ऐसा प्रतिपादित किया । १८ जनवरी को बोरगांव (मेघे) के श्रीराम मंदिर के सभागार में आयोजित हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में वे ऐसा बोल रहे थे ।
इस सभा में बोरगांव (मेघे) के सरपंच श्री. संतोष सेलूकर, शिव मंदिर के न्यासी श्री. चंद्रदेव यादव, श्री. गणपति मंदिर के न्यासी श्री. काळसरपे, श्री विठ्ठल मंदिर के न्यासी श्री. मनोहरराव वाळके, श्री भवानीमाता मंदिर के न्यासी श्री. दिनेश नहारे, श्रीराम मंदिर के न्यासी श्री. उमरकर, श्री गजानन महाराज मंदिर के न्यासी श्री. शरद डोणारक आदि मान्यवर उपस्थित थे ।