भारत को बताया ‘असहिष्णु’
कहा – भारत के 20 करोड मुस्लिमों में डर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू राष्ट्र का निर्माण कर रहे और बंटवारे को भडका रहे
- अंग्रेजों के ‘Divide and Rule’ इस नीति को आज भी निभानेवाली ब्रिटीश मॅगजीन ‘दी इकॉनॉमिस्ट’ !
- भारत की बदनामी करने का तथा हिन्दुद्वेष फैलाने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र किस प्रकार शुरु है, इसका यह एक उदाहरण !
- मध्य-पूर्वे तथा पाकिस्तान आदी इस्लामी राष्ट्र के तौर पर पहचानी जाती है । वहां अन्य धर्मियाें पर अत्याचार होते है, उनका वंशसंहार होता है, उनकी धार्मिक स्वतंत्रता छीनी जाती है, क्या यह बाते ‘दी इकॉनॉमिस्ट’ नहीं दिखती या वे इसे जानबूझकर अनदेखा करते है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
दावोस : ब्रिटेन की मैगजीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने लिखा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकता संशोधन कानून के जरिए भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों की अनदेखी कर रहे हैं। वे लोकतंत्र को ऐसा नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसका असर भारत पर अगले कई दशकों तक रह सकता है। मौजूदा सरकार की नीतियों समीक्षा में मैगजीन ने कहा है कि मोदी सहिष्णु और बहुधर्मीय समाज वाले भारत को उग्र राष्ट्रवाद से भरा हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश में जुटे हैं। (भारत हिंदूबहुल है; इसलिए तो ‘सहिष्णु’ है । यदि हिन्दुओं की संख्या कम होकर धर्मांधाें की संख्या बढ गई, तो भारत ‘असहिष्णु’ बन जाएगा ! – संपादक)
मैगजीन के कवर का शीर्षक – ‘असहिष्णु’ भारत
द इकोनॉमिस्ट का यह संस्करण 25 जनवरी को बाजार में आएगा, लेकिन मैगजीन ने एक दिन पहले ही कवर ट्वीट किया, इसका शीर्षक है- ‘इनटॉलरेंट इंडिया’ यानी असहिष्णु भारत। मैगजीन में भाजपा के खिलाफ लेख का शीर्षक है – ‘‘नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र में बंटवारे को भडका रहे हैं।’’ इसमें कहा गया है कि, भारत के 20 करोड मुस्लिमों में डर है कि, प्रधानमंत्री मोदी एक हिंदू राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं। (इंग्लंड स्वयं ही जिहादी आतंकीयों का आश्रयस्थल है । इसलिए वहां आतंकवादी गतीविधियां बढ रही है । इसलिए ‘दी इकॉनॉमिस्ट’ने भारत की चिंता करने की अपेक्षा स्वयं के देश की चिंता करनी चाहिए ! – संपादक)
करोडों मुसलमानों से नागरिकता छीनने की धमकी
उन्होंने कहा कि भारत की अगर बात करें तो लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आए नरेंद्र मोदी देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। मुसलमानों के लिए अर्ध स्वायत्त कश्मीर पर मोदी दंडात्मक कार्रवाई कर रहे हैं। मोदी ने करोड़ों मुसलमानों से नागरिकता छीनने की धमकी दी हुई है। यह सब राष्ट्रवाद के नाम पर हो रहा है। भारत में राष्ट्रवाद का मसला एक ऐसे मुकाम पर जा पहुंचा है, जहां से उसका पीछे लौटना फिलहाल बहुत मुश्किल है।
‘भाजपा ने धर्म के नाम पर बांट कर खराब अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाया’
लेख में कहा गया है कि, भाजपा ने धर्म और पहचान के नाम पर लोगों को बांटा और परोक्ष रूप से मुस्लिमों को खतरनाक करार दिया। इसके जरिए पार्टी अपने समर्थकों को ऊर्जावान रखने और खराब अर्थव्यवस्था के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने में सफल हुई है। मैगजीन में कहा गया है कि प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) भगवा पार्टी को अपना बांटने वाला एजेंडा आगे बढ़ाने में मदद करेगा। एनआरसी की लिस्टिंग की प्रक्रिया सालों-साल चलती रहेगी, जिससे उनके बंटवारे का एजेंडा भी चलता रहेगा।
How India's prime minister and his party are endangering the world's biggest democracy. Our cover this week https://t.co/hEpK93Al11 pic.twitter.com/4GsdtTGnKe
— The Economist (@TheEconomist) January 23, 2020
मैगजीन में कहा गया है कि भाजपा ने मुस्लिमों को मारने वाले उपद्रवियों को महत्व देने से लेकर कश्मीर घाटी में में रहने वालों के लिए सजा जैसा माहौल बनाया। उन्हें मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया गया, कर्फ्यू लगाया और 5 महीने तक इंटरनेट बंद रखा गया। नागरिकता कानून मामले को भडकाना भी इसी तरह भाजपा का नया कार्यक्रम है। देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के कारण देश में हिंसात्मक आंदोलन होने का धोका है । (यह हिंसात्मक आंदोलन कौन कर रहे है, यह सभी को ज्ञान ही है ! – सम्पादक)
लेख में चेतावनी दी गई है कि, मुसलमानों का लगातार उत्पीडन सभी के लिए खतरा है और इससे राजनीतिक प्रणाली भी संकट में आती है। जानबूझकर हिंदुओं को भडकाकर मुस्लिमों को गुस्सा कर के भाजपा देश में खूनी संघर्ष को तय कर रही है।
‘मोदी सरकार में राष्ट्रवाद चरम पर, इसकी आड में हिंदू राष्ट्र बनाने की तैयारी’ – जॉर्ज सोरोस, अमेरिकी निवेशक
- नरेंद्र मोदी ने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाया, तो जॉर्ज सोरोस इन्हें तकलीफ क्यों हो रही है ? विश्व में १५७ ईसाई तथा ५२ इस्लामी राष्ट्र है; किंतु एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं । इस विषय में वे कुछ क्यों नहीं बोलते ?
- भारत में ८० प्रतिशत नागरिक हिन्दू है तथा उन्हें उनका देश ‘हिन्दू राष्ट्र’ होना चाहिए, ऐसे लगता है, तो इसमें क्या गलत है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
अमेरिकी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस ने कश्मीर और सीएए-एनआरसी पर मोदी सरकार के रैवए की आलोचना की है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के एक सत्र को संबोधित करते हुए सोरोस ने कहा कि, भारत के लिए सबसे बडा और भयावह झटका यह है कि, लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई नरेंद्र मोदी सरकार एक हिंदू राष्ट्रवादी देश बना रही है। सोरोस ने कहा कि, राष्ट्रवाद भारत के लिए ‘सबसे बड़ी नाकामी’ बन गया है।
स्त्रोत : आज तक