इस्लामाबाद : भारत सहित विश्व के कई देश कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान शहर में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। चीन में महामारी का रूप ले चुके इस वायरस की वजह से अब तक 259 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 12,000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। विश्व के अधिकतर लोग जहां अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहे हैं वहीं पाकिस्तानी सरकार ने अपने छात्रों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया है।
वुहान में इस समय सैकड़ों पाकिस्तानी छात्र फंसे हुए हैं और उनका रो-रोकर बुरा हाल है। पाकिस्तानी छात्र सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी सरकार से लगातार मिन्नतें कर रहे हैं कि, उन्हें किसी भी तरह से वहां से निकाला जाए और पाकिस्तान ले जाया जाए, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने तो मानों उन्हें मरने के लिए छोड दिया है। छात्र सोशल मीडिया के जरिए कह रहे हैं कि, भारत ने जैसे अपने छात्रों की हिफाजत की और उन्हें निकाला वैसे ही पाक सरकार हमारी भी रक्षा करे।
Indians are going back to their country as others except Pakistanis. #coronoravirus #CoronavirusOutbreak #PrayForChina pic.twitter.com/mVcY09KisQ
— Nadia Mirza (@nadia_a_mirza) January 31, 2020
This #Pakistani girl from Wuhan waiting for help during #CoronavirusOutbreak
Shame on Pakistan for not taking any responsibility while its citizens are stranded in foreign land when they need help the most #Pakistanistudents #coronarovirus #Coronarivus #CoronaVirusIndia pic.twitter.com/m3U0ipzBSN
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) February 2, 2020
पाकिस्तानी सरकार को इस मुद्दे के कारण अपने घर में भी आलोचना का सामना करना पड रहा है। विपक्ष की कड़ी आलोचना के बावजूद, सरकार ने वायरस पीड़ित चीन में फंसे पाकिस्तानियों को चीन से नहीं निकालने के अपने पहले के फैसले पर अडिग रहने का फैसला किया है, स्वास्थ्य के लिए पीएम इमरान खान के विशेष सहायक (SAPM) डॉ. जफर मिर्जा ने शनिवार को इसकी पुष्टि की।
डॉ.जफर मिर्जा ने कहा, ‘अब यह वायरस इंसान से इंसान के बीच फैल रहा है इसका मतलब है कि, वायरस से प्रभावित व्यक्ति भी वायरस की चपेट में आने के बाद उसका एक स्रोत बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते, पाकिस्तान ऐसे कदम उठाना चाहता है जो अधिकतम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।’ डॉ. जफर ने कहा कि ‘हमारा मानना है कि अभी चीन में हमारे नागरिकों का रहना हमारे प्रियजनों के हित में है। इसलिए एक बड़े नजरिये को ध्यान में रखते हुए हमें वहां से अपने नागरिकों को नहीं निकालना चाहिए।’
इन सबके बीच गौर करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान अभी भी इस वायरस को लेकर घबराया हुआ है क्योंकि पाकिस्तान के पास चिकित्सा की इतनी बेसिक सुविधाएं नहीं हैं कि वो अपने नागरिकों का पाकिस्तान में रहकर ईलाज कर सके। यदि पाकिस्तान में एक भी मामला सामने आता है तो उसे वहां तेजी से फैलने में देरी नहीं लगेगी।