- पाकिस्तान से भारत आए 50 हिंदू परिवार
- भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं शरणार्थी
- पाकिस्तान में धार्मिक प्रताडना होने का आरोप
भारत में नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे विरोध के बीच सोमवार को पाकिस्तान से कई हिंदू भारत आए। करीब २०० पाकिस्तानी हिंदू अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत आए, इनमें से अधिकतर का कहना है कि, वो पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहते हैं। पाकिस्तान में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां हिंदुओं पर प्रताडना के मामले सामने आए हैं।
समाचार एजेंसी PTI के अनुसर, सोमवार को करीब 50 परिवार वाघा बॉर्डर से भारत आए। ये सभी लोग करीब 25 दिन का वीजा लेकर भारत आए हैं और हरिद्वार घूमना चाहते हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा है कि, वह वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं, क्योंकि वहां पर वह खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करते हैं।
अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन सभी का वाघा बॉर्डर पर स्वागत किया। सिरसा ने दावा किया कि, ये लोग वो हैं जिन्हें पाकिस्तान में धार्मिक प्रताडना का सामना करना पड रहा है। सिरसा का कहना है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और इन्हें भारतीय नागरिकता देने की अपील करेंगे।
दूसरी ओर बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों का दावा है कि, जबसे भारत में नागरिकता संशोधन कानून पास हुआ है, तब से पाकिस्तान की ओर से आने वाले हिंदुओं की संख्या बढ गई है।
बता दें कि, मोदी सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी।
सोमवार को जो परिवार भारत आए वो अधिकतर कराची, सिंध इलाके के रहने वाले हैं। कुछ लोग राजस्थान में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाएंगे, तो वहीं कुछ हरिद्वार घूमने जाएंगे। इन्हीं में से एक महिला का कहना है कि पाकिस्तान में अब वह सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, क्योंकि पुलिस के सामने ही किसी को भी किडनैप कर लिया जाता है। नॉर्थ वेस्ट क्षेत्र में आज कोई महिला सुरक्षित नहीं है।