मुजरई मंदिरों को सकाल के तहत लाने की योजना : कोटा श्रीनिवास
मुजराई विभाग मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने रविवार को कहा कि, हिंदू धार्मिक संस्थानों और धर्मार्थ बंदोबस्त विभाग के तहत आने वाले मंदिरों द्वारा अर्जित धन का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा। मंदिरों की दान और अन्य मदों से होने वाली आय का उपयोग केवल संबंधित मंदिरों के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, सरकार ने एक समिति गठित की है जो मुजरई विभाग के अंतर्गत आने वाले मंदिरों को सकाल स्कीम के तहत लाने के उपाय बताएंगे।
मैसूरु दौरे पर पहुंचे पुजारी ने कहा कि, राज्य की जनता में बहुत भ्रम है कि अन्य धर्मों के पूजा स्थलों को विकसित करने के लिए मंदिरों से पैसा डायवर्ट किया जा रहा है। हम इसे साफ करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद हिंदू मंदिरों द्वारा अर्जित राजस्व का उपयोग अन्य धर्मों से संबंधित कार्यों के लिए नहीं किया जा रहा है। सरकार ने चर्चों और मस्जिदों के विकास के लिए अन्य व्यवस्थाएं की हैं। उन्होंने कहा कि कि, हिंदू श्रद्धालुओं को इस बात को लेकर चिंतित होने की जरुरत नहीं है कि उनके द्वारा मंदिरों में दिया जाने वाला दान अन्य धर्मों के कामों पर खर्च होता है।
उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य जगहों की भांति ही मैसूरु जिले के मंदिरों, जिसमें चामुंडेश्वरी मंदिर और नंजनगुड़ में श्रीकंतेश्वर मंदिर प्रमुखता से शामिल हैं, में बड़े स्तर पर दान और राजस्व संग्रहित होता है। मंदिरों द्वारा अर्जित धन का उपयोग मंदिर की व्यवस्थाओं सहित शौचालय, ठहरने और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए किया जाएगा।