पौष शुक्लपक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
हिंदुओंपर अत्याचार करनेवाले फ्रान्सिस झेवियर का शव पुर्तगाल को भेजें ! – सुदीप दळवी
पोंबुर्फा (गोवा) : ५०० वर्ष पूर्व मृत हुए फ्रान्सिस झेवियर के शव के सामने व्यावहारिक लाभ के लिए मन्नत मांगनेवाले हिन्दू मूर्ख हैं । अपने धर्मके प्रति अभिमान न होने से हिन्दू ऐसी मूर्खता एवं अन्धश्रद्धा के बलि हुए हैं । फ्रान्सिस झेवियर को गोंयका साब तथा सन्त कहने को मेरी आपत्ति है । साहब शब्द दास्यता का प्रतीक है । प्रेम, दया सन्तोंके लक्षण हैं । जिस व्यक्ति ने पोप और पुर्तगाल के राजा को पत्र लिखकर गोवा में धर्मयातनाएं देने की मांगकी, ऐसे क्रूरकर्मी पिशाच को सन्त कहना, सन्तोंका अपमान है । रोम के चर्च ने लोगोंपर किए अत्याचार के लिए क्षमा मांगनी चाहिए । फ्रान्सिस झेवियर के नाम से सन्तपद निकाल देना चाहिए । शवप्रदर्शन तुरन्त बन्द कर झेवियर का शव तुरन्त लौटाया जाए । अन्यथा अमेरिकाद्वारा ओसामा बिन लादेन को दी जलसमाधिनुसार वह शव समुद्र में डुबाया जाए । इन मांगोंके लिए हमने हस्ताक्षर अभियान आरम्भ किया है, ऐसे उद्गार फ्रान्सिस झेवियर के शवप्रदर्शन का विरोध करनेवाले प्रखर धर्माभिमानी श्री. सुदीप दळवी ने निकाले । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्रीकृष्ण रवळनाथ नाट्यगृह, एकोशी में १९ दिसम्बर को सायंकाल में हिन्दू धर्मजागृति सभा का आयोजन किया गया था ।
इस सभामें हुए विशेष सत्कार का उत्तर देते समय श्री दळवी बोल रहे थे । इस समय पोंबुर्फा पंचायत के सरपंच तथा पतंजली योग के साधक श्री. विनय चोपडेकर, सनातन के श्री. तुलसीदास गांजेकर, हिन्दू महासभा के श्री. शिवप्रसाद जोशी और हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सत्यविजय नाईक के भी प्रखर भाषण हुए । इस समय रामनाथी, फोंडा के सनातन आश्रमपर हुए आक्रमण सम्बन्धी जानकारी देनेवाली दृश्य-श्रव्यचक्रिका भी दिखाई गई ।
क्षणिकाएं
शान्ति प्राप्त करनी हो, तो बिलिव्हर्सवालोंके पास न जाकर, यहांके महान सन्त प.पू. डॉ. आठवलेजी के चरणोंका आश्रय लें, ऐसा आवाहन श्री. शिवप्रसाद जोशीने किया ।
बैठक का आयोजन
रविवार, २१ दिसम्बर २०१४ को अनंत राधाकृष्ण वाचनालय, एकोशी में सायं. ५.०० बजे बैठक का आयोजन किया गया था ।
धर्मपरिवर्तन का प्रखर विरोध करनेवाला एकोशी नामक वैशिष्ट्यपूर्ण गांव
एकोशी गांव की विशेषता यह है कि पुर्तगीजकाल में भारी संख्या में धर्मपरिवर्तन हो रहा था, तब भी इस गांव के धर्माभिमानी पूर्वजोंने गांव के एक भी हिन्दू को धर्मपरिवर्तित नहीं होने दिया । आसपास के गांवोंमें भारी संख्या में विधर्मी होते हुए भी इस गांव में आज १०० प्रतिशत हिन्दू हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात