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नरक समान जीवन बीता रहे है पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय !

पाकिस्तान में हिन्दू, सिख, ईसाई समुदाय के लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है। वे हमेशा डर और आतंक के साये में जीते हैं। इसका खुलासा खुद पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने किया है। कुछ वर्ष पहले अपनी रिपोर्ट में आयोग ने अल्पसंख्यकों की स्थिती को बेहद खराब बताया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने 335 पन्नों की 2018 में मानवाधिकार की स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि, 2018 में सिर्फ सिंध प्रांत में ही हिन्दू एवं ईसाई लड़कियों से संबंधित अनुमानित 1000 मामले सामने आए। जिन शहरों में बार-बार ऐसे मामले हुए हैं, उनमें उमरकोट, थरपारकर, मीरपुरखास, बदीन, कराची, टंडो अल्लाहयार, कश्मोर और घोटकी शामिल हैं।

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि देश में नाबालिग हिन्दू लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय बहुत चिंतित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, बहुत से मामलों में हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर उनके साथ बलात्कार किया जाता है और बाद में उन्हें धर्म परिवर्तन पर मजबूर किया जाता है। सिंध प्रान्त विशेष कर देश की व्यापारिक राजधानी कराची में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की घटनाएं हो रही हैं।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की घटनाएं केवल सिंध तक सीमित नहीं है बल्कि देश के अन्य भागों में भी ऐसा हो रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का अपहरण होता है, उनके साथ बलात्कार किया जाता है और बाद में यह दलील दी जाती है कि, लडकी ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है। उसकी मुस्लिम व्यक्ति से शादी हो गई है और वह अपने पुराने धर्म में लौटना नहीं चाहती। यदि वे उसके अपहरण की एफआईआर करते हैं, तो यह उसे ढूंढ़ने और वापिस काफिर बनाने का पैंतरा है। लडकी नाबालिग होती है, तो उसका नकली जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिया जाता है। इन्हीं अत्याचारो से तंग आ कर 5,000 हिन्दू हर साल अपना घरबार छोड कर भारत भाग आते हैं।

इसका उदाहरण है हाल ही में हुआ मेहक कुमारी नाम के नाबालिग हिन्दू युवती का धर्म-परिवर्तन ! महक कुमारी ने पहले धर्म परिवर्तन के पीछे किसी बाहरी दबाव की बात को नकराते हुए न्यायालय में अली रजा से इच्छा से शादी करने की बात कही थी। उसने अब यह बयान वापस ले लिया है। उसने यह सब जबरन किया गया है, इस बात काे स्वीकार किया है ।

इस पर मौलवी इतना बौखला गए हैं कि, उन्होंने नाबालिग को मौत की सजा देने तक की मांग की है। उनका कहना है कि लड़की ने इस्लाम का अपमान किया है। इतना ही नहीं उन्होंने सत्र न्यायालय की जांच और कार्यवाही को अस्वीकार कर दिया है और पहले ही मामले को लेकर उच्च न्यायालय चले गए हैं।

इसी तरीके की अन्य कुछ घटनाएं…

१. पाकिस्तान में हिंदू युवती का मंडप से अपहरण, जबरन इस्लाम कबूल कराकर किया विवाह

२. कराची से एक और हिंदू नाबालिग अगवा, धर्म-परिवर्तन के बाद ३८ साल के शख्स से कराई शादी

३. पाकिस्तान : एक और हिन्दू लडकी अगवा, इस्लाम कबूल करवा अल्लाह दीनो से जबरन करवाया निकाह

४. हिन्दुओं के लिए नर्क बन रहा है पाकिस्तान : १० साल की हिन्दू लडकी का अपहरण, जबरन कराया निकाह

५. पाकिस्तान : सिख लडकी के बाद अब हिन्दू लडकी का अपहरण, इमरान खान की पार्टी के नेता पर आरोप

यदि ऐसा ही शुरु रहा तो पाकिस्तान में २-३ प्रतिशत हाेनेवाली हिन्दुओं की जनसंख्या ० प्रतिशत तक आ जाएगी और वहां अल्पसंख्यकों का अस्तित्व ही मिट जाएगा !

वहीं बात करें अल्पसंख्यकों पर आक्रमण, उनकी हत्याएं, प्रार्थनास्थलों पर आक्रमण, तोडफोड की घटनाएं भी दिन-ब-दिन बढती जा रही है ।

पाकिस्तान में हिन्दुओं के 95% मंदिरों पर कब्ज़ा कर उनमें दुकानें चलाई जातीं हैं। कभी मुघल आक्रांताओं और औरंगज़ेब के सिपहसालारों जैसे देसी जिहादियों की मौत कहे जाने वाले सिख समुदाय की हालत भी ऐसी ही है। 2014 से 2018 के बीच 10 बार उन्हें निशाना बनाकर हमले किए गए। तालिबान का लगाया हुआ जज़िया न चुका पाने पर एक सिख का सिर कलम कर दिया गया।

हाल ही में सिंध प्रांत के थारपरकर के चाचरो क्षेत्र में कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिर में तोडफोड की। कट्टरपंथियों ने मंदिर पर हमला किया, मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया और माता रानी भटियानी की मूर्ति भी तोड दी।

वहीं जनवरी में सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर धर्मांधों की भीडद्वारा आक्रमण किया गया था । इस समय धर्मांधों की भीड ने ननकाना साहिब का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा करने की धमकी दी थी ।

हिन्दुओं की हत्याएं

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पिछले वर्ष एक मेडिकल छात्रा निम्रिता चंदानी की हत्या हो गई थी । मृता का शव हॉस्टल के कमरे में चारपाई पर पड़ा मिला और उसके गले को रस्सी का फंदा लगा मिला था । शुरुवात में पाकिस्तान पुलिस ने इसे आत्महत्या करार देकर मामला दबाने का प्रयास किया, किंतु धीरे-धीरे जांच में सामने आया कि, निम्रिता ही हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था । उसके शरीर पर पुरुष के डीएनए मिले है ।

वहीं ननकाना साहिब पर आक्रमण के अगले ही दिन एक सिख युवकी की जिहादियों ने हत्या कर दी ।  परविंदर की शादी अगले ही सप्ताह होनी थी। मृतक के भाई हरमिंदर सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचार के मामलों को पाकिस्तानी पुलिस द्वारा दबा दिया जाता है।   एक तरफ पाकिस्तान की सरकार अल्पसंख्यकों के नाम पर बडी फंडिंग उठाती है और दूसरी तरफ सिखों, हिन्दुओं व ईसाईयों पर अत्याचार किया जाता है।

भारत को ‘असहिष्णु’ बोलनेवाले तथा भारत में रहने से ‘डर’ लगता है, ऐसा कहनेवाले आमिर खान, नसीरूद्दीन शाह क्या पाकिस्तान की इस ‘असहिष्णुता’ पर क्या कुछ कहेंगे ? भारत में अल्पसंख्यक डरा हुआ है, ऐसा ढिंढोरा पिटा जाता है, किंतु पाकिस्तान के अल्पसंख्यककों यह स्थिती देखकर कौन सच में ‘डरा’ हुआ है, यह ध्यान में आता है ।

अल्पसंख्यकों की यह भयावह स्थिती को देख ही भारत ने देश में CAA कानून लागू किया । इन अत्याचारित, पीडित हिन्दुओं को भारत में नागरिकता मिलकर उनका जीवन आसान हो सकें यह CAA का उद्देश्य है । किंतु भारत के अल्पसंख्यक समुदाय, वामपंथी गैंग इस कानून का हिंसात्मक रूप से बेवजह विरोध कर रहे है । विरोध प्रदर्शन के नामपर हिंसा, तोडफोड, मारपीट आदी घटनाएं हो रही है । क्या यही इनकी ‘सहिष्णुता’ है ? स्वयं को ‘शांतिप्रिय’ समुदाय कहनेवाले ये लोग क्या सच में शांतिप्रिय लगते है ?

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