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हिन्दू राष्ट्र-स्थापना कार्य में अधिवक्ताओं का सक्रिय योगदान आवश्यक – पू. नीलेश सिंगबाळ

ओडिशा राज्य में हिन्दू राष्ट्र स्थापना के संदर्भ में संपर्क अभियान

अधिवक्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए पू. नीलेश सिंगबाळजी (१) साथ में श्री. प्रकाश मालोंडकर (२)

राऊरकेला (ओडिशा) : राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे आघातों के विरोध में संवैधानिक पद्धति से संघर्ष करने हेतु अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है ! देश में हो रहे अन्याय, भ्रष्टाचार, अनैतिकता से संबंधित अनेक घटनाओं के संदर्भ में न्यायालयीन संघर्ष करना आवश्यक है। इस दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में अधिवक्ताओं की भूमिका और योगदान आवश्यक है। हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने ऐसा मार्गदर्शन किया।

ओडिशा राज्य में हिन्दू राष्ट्र स्थापना संपर्क अभियान के अंतर्गत राऊरकेला न्यायालय में कार्यरत धर्म एवं राष्ट्रप्रेमी अधिवक्ताओं की बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक का आयोजन अधिवक्ता श्री. विभूति भूषण पलेई ने किया था। इस अवसर पर पू. सिंगबाळजी ने हिन्दू विधिज्ञ परिषद के माध्यम से देशभर के जागरुक अधिवक्ताओंद्वारा किए जा रहे कार्य की विस्तृत जानकारी दी, साथ ही अधिवक्ता संगठितरूप से न्यायालयीन स्तर पर कैसे व्यापक कार्य कर सकते हैं, यह भी विस्तारपूर्वक विशद किया।

‘सेक्युलर’ शब्द के संदर्भ में उन्होंने कहा कि, संविधान में बदलाव कर अंतर्भूत किए गए इस शब्द के कारण भारत एक सेक्युलर राष्ट्र बना। ‘सेक्युलर’ शब्द का अयोग्य अर्थ निकाल कर प्रसारमाध्यम और बुद्धिजीवियों ने अलग-अलग माध्यमों से हिन्दुओं के मन पर उनके धर्मनिरपेक्ष होने की बात अंकित की। इसके फलस्वरूप विगत अनेक वर्षों से हमारा धर्म, राष्ट्र और संस्कृति पर चारों ओर से आघात हो रहे हैं ! इसके लिए न्यायालयीन संघर्ष कर इन आघातों का उत्तर देना आवश्यक है। अतः हिन्दू राष्ट्र स्थापना प्रक्रिया में अधिवक्ताओं ने योगदान देना चाहिए।

उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने राष्ट्र एवं धर्मरक्षा के कार्य में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के माध्यम से सहयोग देने का आश्‍वासन दिया। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के ओडिशा राज्य समन्वयक श्री. प्रकाश मालोंडकर भी उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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