‘वैलेंटाईन डे’के विरोध में उद्बोधन
खेड (जिला रत्नागिरी, महाराष्ट्र) : प्रतिवर्ष १४ फरवरी को ‘वैलेंटाईन डे’ मनाने की पाश्चात्त्यों की कुप्रथा अब भारत में भी प्रस्थापित हुई है ! इसके दुष्परिणाम भारतीय युवा पीढी पर हो रह हैं ! इस दिन युवक-युवतियोंद्वारा किया जानेवाला मदिरासेवन, धुम्रपान, मादक पदार्थों का सेवन आदि अप्रिय घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस अवधि में गर्भप्रतिबंधक साधनों की बिक्री में होनेवाली वृद्धि समाज में फैली अनैकिता दर्शाती है। इन अप्रिय घटनाओं को नियंत्रण रखने के लिए पुलिस प्रशासन पर अतिरिक्त तनाव आता है। हमारे जीवन को ध्वस्त करनेवाली इस पाश्चात्त्य विकृति से दूर रहें और भारतीय संस्कृति का आचरण कर आनंदित रहें ! खेड के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसिल कार्यवाह श्री. महेश सातपुते ने ऐसा प्रतिपादित किया।
११ फरवरी को नगर के एल्.पी. इंग्लिश स्कूल एवं कनिष्ठ महाविद्यालय में २०० छात्रों का ‘वैलेंटाईन डे’के विरोध में उद्बोधन किया गया। इस अवसर पर प्रशाला के प्रधानाध्यापक श्री. संपतराव काळे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विलास भुवड एवं सनातन संस्था के श्री. अशोक कदम उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात