नई दिल्ली : पाकिस्तान हर स्तर पर भारत से मात खा चुका है लेकिन कश्मीर राग अलापना नहीं छोड़ा है। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन इस वक्त पाक की आधिकारिक यात्रा पर हैं। यहां उन्होंने कहा है कि कश्मीर का मसला जितना पाकिस्तान के लिए जरूरी है उतना तुर्की के लिए भी जरूरी है।
एर्दोगन ने कहा, “हम आजादी युद्ध के दौरान अपनी खुद की रोटी बांट कर पाकिस्तानी लोगों की मदद को कभी नहीं भूले हैं और कभी नहीं भूलेंगे। कश्मीर हमारे लिए समान है और रहेगा। यह कल कनकले था और यह आज कश्मीर है, कोई अंतर नहीं है।”
एर्दोगन ने बताया कि उन्होंने कैसे तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एकतरफा कदम के कारण कश्मीरी लोगों की पीड़ा और अधिक बढ़ गई है।
एर्दोगन ने कहा, “यह दृष्टिकोण जो वर्तमान स्थिति को बढ़ाता है और कश्मीरी लोगों की स्वतंत्रता और उनके मौलिक अधिकारों को रद्द करता है। कश्मीर समस्या को संघर्ष या उत्पीड़न से नहीं, बल्कि समाधान के आधार पर हल किया जा सकता है”।
पाकिस्तान की संसद को दिए अपने चौथे संबोधन में, एर्दोगन ने उत्तर पश्चिमी सीरिया के इदलिब में स्थिति को भी संबोधित करते हुए कहा कि प्रांत के डी-एस्केलेशन ज़ोन में तुर्की के नवीनतम कदम असद शासन को बैरल बम का उपयोग करने वाले दस लाख उत्पीड़ित लोगों को मारने से रोकने के लिए हैं।
पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का तुर्की ने समर्थन किया। उन्होंने कहा, “तुर्की आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पाकिस्तान का समर्थन करना जारी रखेगा”। एर्दोगन ने यह भी कहा कि तुर्की अंतर सरकारी वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा राजनीतिक दबाव के आवेदन के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करेगा।
स्त्रोत : टीवी ९