पौष शुक्लपक्ष द्वितीया , कलियुग वर्ष ५११६
विश्व हिंदू परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाखुशी के कारण फिलहाल अपने घर वापसी कार्यक्रम पर रोक लगाने का फैसला किया है। वीएचपी के कार्यकर्ताओं को मौखिक आदेश दिया गया है कि फिलहाल घर वापसी कार्यक्रमों को रोक लिया जाए। यह निर्देश शनिवार को गुजरात के वलसाड में ५०० ईसाई आदिवासियों के पुनर्धर्मांतरण के कार्यक्रम पर पैदा विवाद के बाद दिया गया है।
वीएचपी से जुड़े एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त बताया, ‘कहा जा रहा है कि शनिवार को हुए कार्यक्रम पर प्रधानमंत्री ने नाखुश जताई है।’ इस बीच, मध्यप्रदेश में संगठन ने दावा किया है कि रविवार को ६ लाख लोगों की घर वापसी कराई गई। केरल में भी कम से कम ३० दलित आदिवासियों का पुनर्धर्मांतरण कराया गया। वीचपी सूत्र का कहना है कि फिलहाल ४० लाख धर्मांतरणों पर रोक लगाई गई है।
हालांकि वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने टीओआई से बातचीत में कहा कि कार्यकर्ताओं को कोई नया कार्यक्रम शुरू या बंद करने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। गुजरात के ही अन्य वीएचपी नेता का कहना है कि परिषद पर सरकार का कोई दबाव नहीं है और उसकी गतिविधियां पहले की योजना के तहत जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि परिषद इस बात को ध्यान में रखती है कि उसके काम से समाज में नफरत न फैले।
इससे पहले एक कार्यक्रम में बोलते हुए वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल ने कहा कि हिंदू संस्कृति और धर्म को पिछले ८०० साल से दबाया गया है और अब हम कह सकते हैं कि एक ऐसी सरकार आ गई है जो हिंदुत्व की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
तोगड़िया ने टीओआई से फोन पर बातचीत में बताया, ‘अब जिन कार्यक्रमों को हाईलाइट किया जा रहा है, वे दशकों से चल रही हैं। कुछ भी नया नहीं किया जा रहा है और न ही कुछ नया करने या बंद करने का कोई निर्देश दिया गया है।’
गुजरात वीएचपी के अनुसार परिषद के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यक्रमों की डीटेल्स मीडिया को जारी न करें और भविष्य के कार्यक्रमों के लिए गोपनीयता बरतें। उनके मुताबिक डर है कि कहीं सरकार इन कार्यकर्मों को रोकने का प्रयास न करे।
सिंघल ने कहा कि पिछले ५० साल में किए गए उनके संघर्ष के कारण ही हिंदुओं ने ८०० साल पहले ‘खोए’ दिल्ली के ‘साम्राज्य’ को फिर से पा लिया है। उन्होंने कहा कि हम धर्म बदलने नहीं दिल जीतने निकले हैं। एक दिन पहले ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने घर वापसी कार्यक्रम का समर्थन करते हुए सरकार को चैलेंज किया कि अगर वह इसे रोकना चाहती है तो इसके लिए कानून बनाए।
गुजरात वीएचपी के अनुसार परिषद के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यक्रमों की डीटेल्स मीडिया को जारी न करें और भविष्य के कार्यक्रमों के लिए गोपनीयता बरतें। उनके मुताबिक डर है कि कहीं सरकार इन कार्यकर्मों को रोकने का प्रयास न करे।
सिंघल ने कहा कि पिछले 50 साल में किए गए उनके संघर्ष के कारण ही हिंदुओं ने ८०० साल पहले ‘खोए’ दिल्ली के ‘साम्राज्य’ को फिर से पा लिया है। उन्होंने कहा कि हम धर्म बदलने नहीं दिल जीतने निकले हैं। एक दिन पहले ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने घर वापसी कार्यक्रम का समर्थन करते हुए सरकार को चैलेंज किया कि अगर वह इसे रोकना चाहती है तो इसके लिए कानून बनाए।
स्त्रोत : नव भारत टाइम्स