नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रशस्त किए जाने के बावजूद इसकी राह में रोड़े अटकाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब अयोध्या के कुछ स्थानीय मुस्लिमों ने नवगठित मंदिर ट्रस्ट को पत्र लिखकर वहां राम मंदिर का निर्माण न करने की बात कही है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जहां राम मंदिर का निर्माण किया जाना है उस भूमि के नीचे कब्रिस्तान और मस्जिदें थीं। पांच से छह एकड़ भूमि पर कब्रिस्तान एवं मस्जिदें हैं। इसलिए इस जमीन का उपयोग मंदिर निर्माण के लिए नहीं होना चाहिए।
#Exclusive #Breaking | Muslim side's fresh plea to the Mandir Trust in Ayodhya.
Muslim side cites land record to claim there are '13' graveyards on land where Ram temple is to be built
TIMES NOW accesses the letter & documents.
Amir Haque with details. Listen in. pic.twitter.com/jPVzp94C4y
— TIMES NOW (@TimesNow) February 17, 2020
बता दें कि मंदिर ट्रस्ट को पत्र लिखने वाले लोग अयोध्या मामले के पक्षकार नहीं बल्कि अयोध्या के स्थानीय निवासी हैं। अपने इस दावे के लिए उन्होंने राजस्व विभाग के दस्तावेज का हवाला भी दिया है। इस दस्तावेज में अयोध्या की 5-6 एकड़ भूमि पर 13 कब्रिस्तान होने की बात कही गई है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि, चूंकि जहां राम मंदिर का निर्माण होना है उस भूमि के नीचे कब्रगाह हैं। इसलिए वहां मंदिर का निर्माण नहीं होना चाहिए।
1855 के दंगे में मारे गए लोग
यह पत्र शमशाद नाम के व्यक्ति की तरफ से ट्रस्ट को लिखा गया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों का दावा है कि साल 1855 में अयोध्या में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इस दौरान 75 मुस्लिमों की जान गई थी। इन लोगों को इसी जमीन में दफनाया गया। इसके अलावा यहां अलग-अलग समय पर नमाज के लिए चार मस्जिदें भी बनाई गईं। इस मामले पर वसीम रिजवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब चूंकि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद विवाद का मसला समाप्त हो गया है तो इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। रिजवी ने कहा, ‘यदि कब्रगाह भी है तो उस स्थान पर कोई घर नहीं बन रहा है बल्कि वहां मंदिर बनेगा।’
सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर को दिया ऐतिहासिक फैसला
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने गत 9 नवंबर को अयोध्या मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला दिया। निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ भूमि को राम लला विराजमान को देने का फैसला सुनाया। साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट का भी गठन करे।
मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप सरकार ने मंदिर के निर्माण के लिए नौ सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया है। यह ट्रस्ट स्वायत्त होगा और मंदिर निर्माण से जुड़े इसके फैसलों में किसी का हस्तक्षेप नहीं होगा। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या के रौनाही में पांच एकड़ भूमि दी है। यह स्थान अयोध्या से करीब 20 किलोमीटर दूर लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर स्थित है।
स्त्रोत : टाइम्स नाऊ