![sandeepdada](https://www.hindujagruti.org/hindi/wp-content/uploads/sites/2/2014/09/sandeepdada.jpg)
वर्तमानमें, पाकिस्तानसे पलायन कर हिन्दुस्थानमें रह रहे ४१५ हिन्दुबान्धव, पाकमें हुए भयानक अत्याचारोंसे त्रस्त होनेके कारण वहां नहीं लौटना चाहते । वे यहां भयंकर ठण्डीमें ठिठुरते हुए अत्यन्त दयनीय जीवन जी रहे हैं । कश्मीरसे भागे कश्मीरी हिन्दुबान्धवोंकी भी स्थिति लगभग ऐसी है ।
आजके पाकस्थित, अर्थात बंटवारेसे पहलेके हिन्दुस्थानमें रहनेवाले कितने ही देशवीरोंने अंग्रेजोंने विरुद्ध लडे गए स्वतन्त्रता संग्राममें देशके लिए अपना रक्त बहाया था । यह इतिहास हिन्दुओको सदैव स्मरणमें रखना चाहिए । ऐसे हिन्दुओंके वंशजोंका उनके बुरे दिनोंमें साथ न देना, देशभक्तों और देशके प्रति कृतघ्नता ही है ! अपने ही धर्मबांधवोंको दुर्दशामें जीनेके लिए छोडना तथा स्वयं सुखमय जीवनयापन करना, यह भी कृतघ्नता है !
ये हिन्दूबान्धव सम्मानपूर्वक, स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें, इसके लिए भारतीय शासनसे निर्णय करवाने हेतु प्रयास करना, हिन्दुत्वकी ही पहचान है ! इसी प्रकार, ऐसे बान्धवोंके सहायतार्थ सक्रिय संस्थाओंको धनदान करना, यह भी हिन्दुत्वकी पहचान है !
हिन्दुओ, हिन्दुत्वकी पहचानको कभी न भूलिए, अन्यथा इतिहास और यह देश आपको भूल जाएगा !
– (पू.) श्री. सन्दीप आळशी (१५.१२.२०१४)