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मुंबई : कल्याण (पश्चिम) के शिवसेना विधायक विश्वनाथ भोईर को महाराष्ट्र के सरकारी कार्यालयों में देवताओं की पूजा-अर्चनापर लगाया गया प्रतिबंध हटाने की मांग करनेवाला ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता श्री. अरविंद पानसरे तथा कार्यकर्ता श्री. अजय संभूस उपस्थित थे । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विधायक श्री. भोईर से यह अनुरोध किया गया कि संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता प्रदान की है; परंतु ऐसा होते हुए भी सरकारी कार्यालयों में देवताओं की पूजा-अर्चनापर प्रतिबंध लगाना हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करना है । अतः विधायक के रूप में आज इसके विरुद्ध विधानसभा में आवाज उठाएं और इस अन्यायकारी प्रतिबंध को हटानेपर सरकार को बाध्य करें । इसपर विधायक श्री. भोईर ने आश्वासन देते हुए कहा कि मैं इस विषय का अध्ययन कर इस संदर्भ में आगे क्या करना संभव है, यह देखूंगा ।
सरकारी कार्यालयों से देवताओं के चित्र हटाना और पूजा-अर्चना बंद करने का निर्णय वापस लिया जाए- हिन्दू जनजागृति समिति
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विधायक श्री. भरतशेठ गोगावले को ज्ञापन प्रस्तुत
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मुंबई : सरकारी कार्यालयों से देवताओं के चित्र हटाना और पूजा-अर्चना बंद करने का सरकार का निर्णय जनता की धार्मिक स्वतंत्रता और श्रद्धापर आघात करनेवाला है । बहुसंख्यक जनता की भावनाओं का सम्मान कर इस निर्णय को वापस लेने हेतु विधानसभा के अधिवेशन में आवाज उठाई जाए, इस मांग को लेकर २५ फरवरी को शिवसेना विधायक श्री. भरतशेठ गोगावले को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य प्रवक्ता श्री. अरविंद पानसरे, सर्वश्री सतीश सोनार और सतीश सोनार उपस्थित थे । इस संदर्भ में विधायक श्री. भरतशेठ गोगावले ने वर्तमान अधिवेशन में इसके विरुद्ध आवाज उठाने का आश्वासन दिया ।
पनवेल पंचायत समिति के मंडल विकास अधिकारी डी.एन्. तेटगुरे ने ५ सितंबर २०१८ को सरकारी विद्यालय और सरकारी कार्यालयों में देवताओं की पूजा-अर्चना और श्री सत्यनारायण पूजापर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है । इसमें ग्रामविकास एवं सिंचाई विभाग के परिपत्रक का संदर्भ दिया गया है । इस परिपत्रक के अनुसार सरकार के विविध विभागों के अधीन विद्यालय, आंगनबाडियां, ग्रामपंचायत कार्यालय, चिकित्सालय और अन्य कार्यालयों में इस आदेश का क्रियान्वयन करने का आदेश दिया गया था । इस परिप्रेक्ष्य में समिति की ओर से विधायक श्री. गोगावले को यह ज्ञापन प्रस्तुत किया गया ।
इस ज्ञापन में वर्ष २०११ में मद्रास उच्च न्यायालय में तमिलनाडू के सरकारी कार्यालय में किया जानेवाला सरस्वतीपूजन और शस्त्रपूजन बंद किए जाने की मांग करनेवाली प्रंविष्ट याचिका न्यायालय द्वारा अस्वीकार किए जाने का संदर्भ दिया गया है । न्यायालय ने यह निर्णय देते हुए कहा है कि सरकारी कार्यालयों में जो पूजना अर्चना अथवा उत्सव मनाए जाते हैं, वह सरकार की ओर से नहीं, अपितु कर्मचारी व्यक्तिगत स्तरपर मनाते हैं । वह उनका व्यक्तिगत विषय है और उसमे कुछ भी अनुचित नहीं है । संविधान की धारा २५ के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता है, अतः सरकारी कार्यालयों में पूजा-अर्चना करनेपर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता । साथ ही सरकारी कार्यालयों में देवताओं के चित्र लगाने से और पूजा-अर्चना के कारण सरकारी कामकाज का समय व्यर्थ होता है अथवा सरकार की बडी हानि होती है, ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है, यह भी स्पष्ट किया गया है ।