हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य हेतु स्वयं में आध्यात्मिक बल होना आवश्यक ! – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी, सनातन संस्था
चिपळूण : आज की हिन्दू धर्मियों की स्थिति बहुत ही गंभीर है । इससे बाहर निकलने हेतु हिन्दू राष्ट्र स्थापना ही एकमात्र विकल्प है और उसके लिए स्वयं में आध्यात्मिक बल होना आवश्यक है । सनातन संस्था की सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने यह मार्गदर्शन किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के स्वामी मंगल सभागृह, बहाद्दूरशेख नाका में रत्नागिरी एवं सिंधुदुर्ग जनपदों का प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेश आयोजित किया गया था, उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रही थीं । इस अधिवेशन में रत्नागिरी एवं सिंधुदुर्ग जनपदों से आए १३० धर्मप्रेमी सहभागी थे ।
सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने आगे कहा,
१. आध्यात्मिक बल प्राप्त करने हेतु और स्वयं की तीव्रगति से उन्नति होने हेतु प्रत्येक हिन्दू को गुरुकृपायोग के अनुसार साधना करना अत्यंत आवश्यक है ।
२. कालमहिमा के अनुसार समष्टि साधना का ७० प्रतिशत महत्त्व है; इसलिए इस कार्य में सहभागी होनेवालों की समष्टि साधना होनेवाली है ।
३. आज विश्व तिसरे विश्वयुद्ध की दहलीजपर खडा है । ऐसे समय में राष्ट्र एवं धर्म हेतु अधिकाधिक समय देने की आवश्यकता होते हुए भी हिन्दू एक दिन के समय का भी त्याग करने के लिए भी तैय्यार नहीं हैं ।
४. हमने राष्ट्र एवं धर्मरक्षा हेतु समय नहीं दिया, तो उसके परिणाम हमारी अगली पीढी को भोगने पडेंगे, इसपर समस्त हिन्दुओं को विचार करना चाहिए ।
हिन्दुओं को अपने अस्तित्व को टिकाए रखने हेतु संगठित होने की आवश्यकता ! – ह.भ.प. नंदकुमार कालेकर, चिपळूण
हिन्दू राष्ट्र का कार्य करनेवालों को ‘हम ईश्वर के सेवक हैं’, यह भा रखकर कार्य करना चाहिए ! – सद्गुरु सत्यवान कदमजी
हिन्दुत्व की रक्षा का कार्य करते समय वास्तविक रूप से हिन्दू जनजागृति समिति ही आधार प्रतीत होती है ! – शशिकांत मोदी, पार्षद, शिवसेना
‘हलाल’ अर्थव्यवस्था तीव्रगति से बढ रही है ! – मनोज खाडये
हमारे नित्य उपयोग की साबुन, सौंदर्यप्रसाधन, सूखे फल इत्यादि अनेक उत्पाद अब हलाल सर्टिफिकेट के माध्यम से बेचे जा रहे हैं । भारत सरकार जब किसी उत्पादन की अनुमति देता है, तो FSSAI और FDA के माध्यम से सर्टिफिकेट प्रदान करता है । इसके लिए सरकार संबंधित उत्पाद का परीक्षण भी करती है; परंतु हलाल सर्टिफिकेटके लिए ऐसी कोई भी प्रयोगशाला नहीं होती । आज हलाल अर्थव्यवस्था बहुत ही तीव्रगति से बढ रही है । वर्ष २०१७ में हलाल अर्थव्यवस्था २.१ ट्रिलीयन अमेरिकन डॉलर्स (१ ट्रिलीयन अर्थात १ पर १२ शून्य अर्थात १००० अरब) थी, जो वर्ष २०२३ में ३ ट्रिलीयन अमेरिकन डॉलर्सतक पहुंचेगी, ऐसा अनुमान है । इसका अर्थ हलाल अर्थव्यवस्था बहुत शीघ्र भारत की अर्थव्यवस्था को पछाड देगी ।