क्या शिक्षक मुसलमानों के टोपी या बुर्काधारी छात्रों की ऐसी जांच करने का साहस करेगा ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
मध्य प्रदेश के धार जिले में कक्षा 12वीं के पेपर देने गए सिख छात्र की पगड़ी उतरवाए जाने का मामला सामने आया है। यहां पर 12वीं का परीक्षा देने गए सिख छात्र की जांच के दौरान जबरन पगडी उतरवाई गई। इस बाबत एक अधिकारी ने मंगलवार (मार्च 3, 2020) को बताया कि, राज्य सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जिस महिला शिक्षक ने छात्र को अपनी पगड़ी हटाने के लिए कहा था, उन्हें परीक्षा ड्यूटी से हटा दिया गया है।
दरअसल यह घटना सोमवार (मार्च 2, 2020) की है। पीड़ित सिख ने बताया कि, वह सोमवार को जिला मुख्यालय से लगभग ५५ किलोमीटर दूर धामनोद में सरकारी विद्यालय में परीक्षा दे रहा था, इसी दौरान यह घटना घटी। छात्र ने घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि, जांच के दौरान एक शिक्षक ने उनसे अपनी पगड़ी उतारने को कहा।
किंतु छात्र ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा, पगड़ी मत उतरवाओ ये मेरी शान है । बात न मानने पर छात्र ने फिर परीक्षा केंद्र प्रभारी से संपर्क किया। हालांकि यहां भी पीड़ित छात्र को निराशा ही हाथ लगी। उन्होंने भी छात्र को नियमों का हवाला देते हुए इसका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि, पगडी खोलकर ही जांच की जाएगी। इसके बाद छात्र ने पगड़ी खोलकर दे दी। टीचर ने पगडी की जांच की और फिर छात्र को परीक्षा हॉल में जाने दिया।
छात्र ने बताया कि इसके बाद उनकी पगडी को उतार दिया गया और फिर जांच की गई और फिर उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। वहीं जब इस बारे में राज्य आदिवासी कल्याण विकास के डिप्टी कमिश्नर बृजेश पांडे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पांडे ने कहा, “इसकी जानकारी मिलने के बाद शिक्षक को परीक्षा ड्यूटी से हटा दिया गया है। हम मामले की आगे की जांच कर रहे हैं।”
मामले में सिख समाज ने आपत्ति दर्ज कराई है। समाज का कहना है कि यह गंभीर मामला है, इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। केंद्राध्यक्ष ममता चौरसिया ने कहा कि मैंने सभी से माफी मांगी है, जो कुछ हुआ, अनजाने में हुआ।
स्त्रोत : OpIndia