प्रयाग (उत्तर प्रदेश) में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन
प्रयागराज : ‘हिन्दू’ शब्द संवैधानिक शब्द है; क्योंकि संविधान की धारा २५ में उसका उल्लेख है । सर्वोच्च न्यायालय ने भी ‘हिन्दू एक जीवनशैली है’, ऐसा कहा है । आजकल धर्मनिरपेक्षता के नामपर ‘हिन्दू’ शब्द के संदर्भ में शत्रुता का वातावरण बनाया जाना बहुत गंभीर बात है । इसपर उपाय के रूप में अब प्रत्येक भारतीय को बडे गर्व के साथ ‘हिन्दू’ शब्द का उपयोग करने की आवश्यकता है । इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमित्र अरुणकुमार गुप्ता ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां की हिन्दुस्थानी एकेडमी में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में वे ऐसा बोल रहे थे ।
१. हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने इस अधिवेशन का उद्घाटन किया । उन्होंने कहा, ‘भारत में धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने से देश की सभी समस्याओं का समाधान होगा । धर्म व्यक्ति को नैतिकता और सदाचार की शिक्षा देता है, तो धर्मनिरपेक्षता व्यक्ति को दुराचारी और भ्रष्टाचारी बनाती है । इसीलिए भारत में हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु संवैधानिक पद्धति से प्रयास करने की आवश्यकता है ।’
२. इस अवसरपर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, बुद्धेश्वर महादेवी पीठाधीश्वर योगीराज कुमार महाराज, अधिवक्ता अभिषेक शुक्ला आदि मान्यवरों ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
३. अधिवेशन के अंत में भारत एवं नेपाल इन देशों को संवैधानिक दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र बनाने का तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन का प्रस्ताव पारित किया गया ।