नेता और प्रशासनिक अधिकारियों की सेवा में नियुक्त कर्मचारियों के लिए मराठीशाही पगडी और वेशभूषा तुरंत बदलने की मांग
बाईं ओर से श्री. शिवेंद्रसिंहराजे भोसले को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए श्री. सुनील घनवट
मुंबई : मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मंत्रालय में मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री, साथ ही राज्यपाल की व्यक्तिगत सेवा में नियुक्त कर्मचारियों की वेशभूषा मराठाशाही के सैनिकों की वेशभूषा की भांति होता है ।
इसे छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित मराठाशाही के स्वाभिमानपर लगा हुआ एक दाग कहा जा सकता है । अतः सिपाही, साथ ही पट्टेवालों के लिए प्रचालित मराठाशाही पगडी और वेशभूषा को तुरंत बदला जाए । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यह मांग की गई है । छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज तथा भाजपा विधायक श्री. शिवेंद्रसिंहराजे भोसले महाराष्ट्र शासन से यह मांग करें; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने २७ फरवरी को विधानसभा में उनसे भेंट कर उन्हें इस मांग का ज्ञापन प्रस्तुत किया ।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि किसी को प्रत्यक्ष युद्ध में पराजित करने से पहले उसका मनोबल गिराया जाता है । अंग्रेजों के कार्यकाल में भी इसी प्रकार से शूरवीर मराठाओं के साथ गुलामों जैसा व्यवहार कर समाजमनपर गुलामी अंकित करने का प्रयास किया गया । स्वतंत्रता के ७३ वर्ष पश्चात भी हम अंग्रेजों के इस प्रभाव से बाहर नहीं आ सके हैं, अपितु हम इस गुलामी के प्रतीक को आगे बढाते जा रहे हैं ।
‘क्या ५ बादशाहियों को पानी पिलानेवाले मराठी सैनिकों का ऐसा अनादर उचित है ?’, इस प्रश्न का उत्तर यदि ‘नहीं’ हो, तो शासन को उच्च न्यायालय, मंत्रालय, राजभवन, विधानभवन आदि स्थानोंपरे नियुक्त सिपाही और पट्टेवालों के मराठाशाही का अनादर करनेवाली वेशभूषा में बदलाव लाना चाहिए ।