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काल के अनुसार साधना कर धर्मरक्षा करने से मनुष्यजीवन का सार्थक होगा – डॉ. श्रीपाद पेठकर

तावडी (जनपद सोलापुर, महाराष्ट्र) में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से प्रवचन !

प्रवचन में उपस्थित जिज्ञासु

तावडी : प्रत्येक व्यक्ति पंचज्ञानेंद्रिय, मन और बुद्धि के द्वारा क्षणिक सुख प्राप्त करने का प्रयास करता है; परंतु केवल साधना से ही चिरंतरन टिकनेवाले आनंद का अनुभव करना संभव है । अतः स्वयं के उद्धार हेतु काल के अनुसार साधना कर धर्मरक्षा करने से मनुष्यजीवन का सार्थक होगा । आधुनिक वैद्य श्रीपाद पेठकर ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के मारुति भैरवनाथ मंदिर में आयोजित ‘आनंदमय जीवन हेतु अध्यात्म’ विषयपर वे ऐसा बोल रहे थे । इस प्रवचन में १२० जिज्ञासु उपस्थित थे । इस समय जिज्ञासुओं ने गंभीरता के साथ विषय समझाकर लिया ।

आधुनिक वैद्य पेठकर ने आगे कहा कि हिन्दुओं को त्योहार- उत्सव मनाते समय उसमें अप्रिय घटनाएं न हों; इसकी ओर ध्यान देना चाहिए, साथ ही हिन्दू संस्कृति के अनुसार ही त्योहार मनाए जाएं; क्योंकि हिन्दू धर्म के टिके रहने से ही राष्ट्र टिक पाएगा ।

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