हिन्दू जनजागृति समिति तथा हिन्दू समिति की ओर से लोणावळा (जनपद पुणे) में उद्बोधक व्याख्यान का आयोजन
पुणे : आजकल ‘हलाल’रूपी समानांतर अर्थव्यवस्था खडी हुई है । धर्मांधों ने षड्यंत्र कर हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से आर्थिक जिहाद आरंभ किया है । इस संदर्भ में समाज में जागृति लाने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति और हिन्दू समिति के संयुक्त आयोजन में १ मार्च को व्याख्यान आयोजित किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ समन्वयक श्री. सुनील घनवट ने व्याख्यान में हलाल अर्थव्यवस्था की भयानकता विशद की । इस अवसरपर उपस्थित व्यापारियों ने हलाल उत्पादों के बहिष्कार का, साथ ही इस संदर्भ में सर्वत्र जागृति लाने का निश्चय किया ।
श्री. घनवट ने आगे कहा कि ‘हलाल’ की संकल्पना अब केवल मांसतक ही सीमित न रहकर अब उसमें सौंदर्यप्रसाधन, अनाज, फल, औषधियां आदि अनेक उत्पाद अंतर्भूत किए गए हैं । इसके लिए व्यावसायियों को लगभग २१ सहस्र ५०० रुपए का भुगतान कर निजी मुसलमान संगठन जमियत-उलेमा-ए-हिन्द से हलाल प्रमाणपत्र लेना पडता है । सरकार का अन्न एवं औषधि प्रशासन विभाग होते हुए भी इस प्रकार से गैरसरकारी धर्मांध संगठन इस श्रेणी में कैसे आ सकते हैं ? हिन्दुओं को इसका संगठितरूप से प्रतिकार करना होगा ।
इस अवसरपर हिन्दू समिति के प्रमुख श्री. सुनील गायकवाड, लोणावळा व्यापारी संगठन के अध्यक्ष श्री. दिलीप गुप्ता, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लोणावळा प्रमुख श्री. भरत चिकणे, प्रधानाध्यापक श्री. आनंद गावडे, सर्वश्री जयेश संचेती, ललित सिसोदिया, होटल चंद्रलोक के श्री. अनिष गणात्रासहित १६० से भी अधिक व्यापारी उपस्थित थे ।
हिन्दूहित हेतु कार्यरत हिन्दू समिति
लोणावळा में हिन्दुत्वनिष्ठों ने एकत्रित होकर हिन्दू समिति की स्थापना की है । जाति, संप्रदाय आदि भेदों को बाजू में रखकर एक हिन्दू के रूप में सभी हिन्दुओं का संगठन खडा रहे; इस उद्देश्य से यह समिति कार्यरत है । इस समिति की ओर से कुछ महीनों पूर्व नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में बडी फेरी निकाली गई थी । हलाल सर्टिफिकेट के विषयपर जब हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं का हिन्दू समिति के श्री. सुनील गायकवाड और श्री. जयेश संचेती के साथ संपर्क हुआ, तब उन्होंने इस विषय की गंभीरता को ध्यान में लेकर उसी दिन कुछ ही घंटों में संपर्क कर २० व्यापारियों की बैठक बुलाई । उसमें १ मार्च को सभी व्यापारियों के लिए जागृतिपर व्याख्यान लेना सुनिश्चित किया गया और उसका प्रसार भी आरंभ किया गया । सामाजिक प्रसारमाध्यमों से भी बैठक के संबंध में जागृति की गई । १ मार्च के कार्यक्रम के पश्चात सभी ने इस विषय को अधिकाधिक लोगोंतक पहुंचाने का निश्चय किया ।