हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में अधिवक्तागण अपने कौशल और ज्ञान के द्वारा संवैधानिक संघर्ष करें ! – अधिवक्ता श्री. सांगोलकर, हिन्दू विधिज्ञ परिषद
वाराणसी : हिन्दू राष्ट्र की मांग करना संवैधानिक है। भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के संदर्भ में किया गया संशोधन एक षड्यंत्र रचकर और असंवैधानिक पद्धति से किया गया है। आज अधिवक्ताओं को हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में अपने ज्ञान और कुशलता के द्वारा संवैधानिक पद्धति से संघर्ष कर राष्ट्र, धर्म एवं समाज के हित में कार्य करना आवश्यक है। हिन्दू विधिज्ञ परिषद के महाराष्ट्र राज्य संगठक अधिवक्ता श्री. नीलेश सांगोलकर ने ऐसा प्रतिपादित किया। वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति और हिन्दू विधिज्ञ परिषद की ओर से अधिवक्ता कार्यशाला का आयोजन किया गया था, उसमें उपस्थित अधिवक्ताओं को ‘अधिवक्ताओं को राष्ट्र एवं धर्मरक्षा हेतु संघर्ष करने की स्थिति क्यों उत्पन्न हुई ?’, इस विषय पर संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे।
इस कार्यशाला में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी की वंदनीय उपस्थिति रही। समिति के श्री. राजन केसरी ने कार्यशाला का सूत्रसंचालन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात